बेलगाम होते सडक़ हादसे और तंत्र

sanjay sharma

सवाल यह है कि सडक़ हादसों पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है? क्या लचर यातायात व्यवस्था के कारण हालात लगातार खराब हो रहे हैं? क्या अप्रशिक्षित ड्राइवरों के कारण हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है? क्या यातायात नियमों का पालन कराने में संबंधित विभाग पूरी तरह फेल हो गया है? क्या हेलमेट और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने के कारण स्थितियां बेकाबू हो रही हैं?

आगरा-दिल्ली हाईवे पर एक कंटेनर ने सात मजदूरों को रौंद दिया। इसमें छह की मौत हो गई। एक अन्य की हालत नाजुक है। यह हादसा एक बानगी भर है। हकीकत यह है कि प्रदेश में सडक़ हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है और इसके साथ ही लोगों की मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। सवाल यह है कि सडक़ हादसों पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है? क्या लचर यातायात व्यवस्था के कारण हालात लगातार खराब हो रहे हैं? क्या अप्रशिक्षित ड्राइवरों के कारण हादसों की संख्या में इजाफा हो रहा है? क्या यातायात नियमों का पालन कराने में संबंधित विभाग पूरी तरह फेल हो गया है? क्या हेलमेट और सुरक्षा मानकों का पालन नहीं करने के कारण स्थितियां बेकाबू हो रही हैं? क्या सडक़ों की बनावट, यातायात नियमों की अनदेखी और नशे में गाड़ी चलाना इसकी बड़ी वजहें हैं? सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है? क्या लोगों के जीवन की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की नहीं है? सडक़ सुरक्षा अभियान बेअसर क्यों हो गया है?
प्रदेश में सडक़ हादसों में मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके अलावा हर साल हजारों लोग हादसों का शिकार होकर अपंग हो रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यातायात की लचर व्यवस्था है। सडक़ निर्माण भ्रष्टïाचार की भेंट चढ़ चुका है। लिहाजा नयी बनी सडक़ हल्की बारिश में ही उखड़ जाती है और उसमें बड़े-बड़े गड्ढे बन गये हैं। ये गड्ढे हादसों का बड़ा कारण बन रहे हैं। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी गंभीर टिप्पणी करते हुए राज्य सरकारों को इनको दुरुस्त करने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया। हाईवे के अलावा शहरों में भी यातायात नियमों की अनदेखी की जाती है। लोग तय गति सीमा का ध्यान नहीं रखते हैं। सडक़ पर फर्राटा भरने वालों के खिलाफ अक्सर कार्रवाई नहीं होती है। कई चौराहों पर तैनात पुलिसकर्मी इस मामले को नजरअंदाज कर देते हैं। आंकड़ों के मुताबिक सडक़ हादसों में सबसे अधिक दो पहिया वाहन चालकों की मौत हो रही है। ये चालक हेलमेट नहीं लगाते हैं। इसके कारण हादसे के समय इनके मौत की संभावना काफी बढ़ जाती है। इसके अलावा सडक़ पर अप्रशिक्षित ड्राइवर लोगों के लिए खतरा बने हुए हैं। भ्रष्टïाचार का आलम यह है कि तमाम लोगों का ड्राइविंग लाइसेंस बिना वाहन चलाने के परीक्षण के हो जाता है। जाहिर है यदि सरकार हादसों पर लगाम लगाना चाहती है तो वह नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे साथ ही सडक़ों को दुरस्त कराए और संबंधित विभाग को जवाबदेह भी बनाए।

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