छोटी गड़बडिय़ों को अपराध की कैटेगरी से हटाने वाला विधेयक मंजूर

नई दिल्ली। सरकार की तरफ से कारोबारियों को बड़ी राहत मिली है.केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कारोबारी सुगमता सुनिश्चित करने के लिये विभिन्न मंत्रालयों के अंतर्गत आने वाले संबंधित प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाकर छोटी-मोटी गड़बडिय़ों को अपराध की श्रेणी से हटाने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है. दरअसल इन गड़बडिय़ों को आपराधिक श्रेणी में रखे जाने पर कारोबारियों को लंबी कार्रवाई का सामना करना पड़ता था. हालांकि उद्योग लगातार अनुरोध कर रहा था कि इस तरह की गलतियां न तो गंभीर किस्म की हैं और न ही इनके पीछे उद्योग की गलत मंशा होती है. कई बार भूल वश ये गड़बडिय़ा हो जाती है. सरकार ने इस अनुरोध को ध्यान में रखते हुए कई ऐसी गड़बडिय़ों की पहचान की. उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने इन गड़बडिय़ों को अपराध के दायरे से बाहर रखने का प्रस्ताव रखा था.
सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ‘कारोबारी सुगमता एवं रहन-सहन आसान बनाने (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2022’ पर चर्चा के बाद इसे मंजूरी दे दी. इस विधेयक को संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में पेश किया जा सकता है. विधेयक में 16 मंत्रालयों/विभागों से संबंधित 35 अधिनियमों के लगभग 110 प्रावधानों को युक्तिसंगत बनाने का प्रस्ताव रखा गया है. एक सूत्र ने कहा कि इस विधेयक का मकसद सुधार के एजेंडे को अगले स्तर पर ले जाना है। सरकार कंपनियों और नागरिकों के लिये अनुपालन से जुड़े बोझ को कम करने पर ध्यान दे रही है. इसके लिये सरलीकरण, डिजिटलीकरण, छोटी गड़बडिय़ों को अपराध की श्रेणी से अलग करने और अनावश्यक कानूनों/नियमों को समाप्त करने की चार-सूत्री रणनीति अपनाई गई है. विभाग ने सभी संबद्ध पक्षों के साथ व्यापक परामर्श के बाद विधेयक को अंतिम रूप दिया है.
सरकार देश में कारोबारी सुगमता बढ़ाने पर लगातार जोर दे रही है और ये कदम इसी का हिस्सा है. देश में उद्योगों को कई नियमों को पालन करना पड़ता है वहीं गलतियों पर कार्रवाई का भी प्रावधान है. हालांकि देखने में आया कि कई बार नियमों की अधिकता या फिर कठोर कार्रवाई की संभावना को देखते हुए निवेशक निवेश के फैसले से ही पीछे हट जाते हैं. निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए ही सरकार नियमों के दोहराव, सख्त नियमों की समीक्षा कर रही है और जिन नियमों या प्रावधानों को हटाया जा सकता है उसे हटा रही है. इसी के साथ ही सिंगल विंडो जैसे उपायों से भी कंपनियों के काम को आसान बना रही है.

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