गाजियाबाद में मंकी पॉक्स के दो संदिग्ध मरीज मिले, प्रदेश में अलर्ट

जांच को सैंपल पुणे भेजा गया, कम मामलों में होता है घातक,सरकार ने बाहर से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के दिए आदेश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
गाजियाबाद। गाजियाबाद में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मरीज मिले हैं। एक का सैंपल पुणे भेज दिया है जबकि दूसरा दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती है। प्रदेश में मंकी पॉक्स को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इस बीमारी से प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं। संदिग्धों के नमूने जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) पुणे भेजे जाएंगे।
केरल के बाद दिल्ली में भी मंकी पॉक्स के मरीज मिल चुके हैं। अब यूपी प्रदेश में भी दो संदिग्धों का सैंपल जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजा गया है। इसके बाद से प्रदेश सरकार ने अलर्ट जारी किया है। सरकार की ओर से जारी निर्देश के मुताबिक मंकी पॉक्स के प्रभावित देशों से आने वाले लोगों की 21 दिनों तक मॉनिटरिंग की जाए। लक्षण दिखने पर तत्काल नमूना लेकर जांच को भेजा जाए। गाजियाबाद में मंगलवार को एक अन्य मंकीपॉक्स के एक संदिग्ध मरीज मिलने पर उसका नमूना जांच के लिए पुणे भेजा गया है। 28 वर्षीय युवक अर्थला का रहने वाला है और साहिबाबाद क्षेत्र की निजी कंपनी में कार्य करता है। युवक एमएमजी अस्पताल की ओपीडी में इलाज कराने के लिए आया था। लक्षण मिलने पर ओपीडी में इलाज कर रहे डॉक्टर ने मामले की सूचना सीएमओ और सर्विलांस अधिकारी को दी। इसके बाद युवक का नमूना जांच के लिए पुणे भेजा गया। फिलहाल युवक अपने घर है। वहीं, ट्रांस हिंडन में रहने वाले एक युवक में मंकी पॉक्स के लक्षण मिलने पर उसे दिल्ली में भर्ती कराया गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसकी जानकारी होने से इंकार किया है। जिला सर्विलांस अधिकारी आर के गुप्ता ने बताया कि मरीज का सैंपल लेकर जांच को पुणे भेज दिया है। एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. आरपी सिंह का कहना है कि यह बीमारी मंकी पॉक्स नाम के वायरस से होती है। मंकीपॉक्स, ऑर्थोपॉक्स वायरस परिवार का हिस्सा है। इसमें भी चेचक की तरह शरीर पर दाने हो जाते हैं। दरअसल, चेचक को फैलाने वाला वैरियोला वायरस भी ऑर्थोपॉक्स फैमिली का ही हिस्सा है। मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक की तरह गंभीर नहीं। यह बहुत कम मामलों में ही घातक होता है।

लक्षण और सावधानी

यह रोग मंकी पॉक्स वायरस के कारण होता है जो ओर्थोपॉक्स वायरस जींस का सदस्य है।
व्यक्ति के शरीर पर 2 से 4 हफ्तों तक लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
उन लोगों से फैलता है जो पहले से इससे पीडि़त हो।
व्यक्ति को बुखार, शरीर पर दाने, सूजन हो सकती है।
बचाव के लिए जंगली जानवरों से बचकर रहें।
मीट पूरी तरह न पका हुआ हो तो उसे न खाएं।

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