पुलिस की कहानी सुनिये लंगड़े विकास ने हाथों में हथकड़ी पहनकर पिस्टल छीनकर चलायी गोली और हो गया फिर ढेर

  • एसटीएफ की इस स्क्रिप्ट में लोचा ही लोचा, कोई यकीं करने को नहीं तैयार
  • शहीद पुलिस कर्मियों के परिजन खुश बोले हो गया सही इंसाफ
  • विपक्ष ने बोला सरकार पर जोरदार हमला

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार हुए कुख्यात अपराधी विकास दुबे को आज पुलिस ने कानुपर में मार गिराया। पुलिस के अनुसार विकास को लेकर आ रही गाड़ी पलट गयी। विकास ने पिस्टल छीन कर भागने की कोशिश की जवाबी कार्रवाई में वह ढेर हो गया। एसटीेएफ की इस कहानी में इतनी खामियां है कि कोई भी आंख बंद करके कह देगा कि सुनियोजित तरीके से विकास का एनकाउंटर किया गया है। कल ही सोशल मीडिया पर यह बात वायरल हो रही थी कि रास्ते में विकास को ढेर कर दिया जायेगा। इस संबंध में कल सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर हुई थी। यूपी के चर्चित आईएएस अमिताभ ठाकुर ने कल ही आशंका जतायी थी कि विकास दुबे भागने की कोशिश करेगा और मारा जा सकता है। विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाये हैं। एक बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर कौन था जो नहीं चाहता था कि विकास दुबे लखनऊ में पहुंच कर अपना मुंह खोले और बड़े-बड़े सफेदपोश बेनकाब हो जाये।
यह महज संयोग नहीं कि उज्जैन पुलिस का यूपी पुलिस अफसरों के साथ बातचीत का विडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कह रहे है कि विकास पहुंच तो जायेगा ना, आई विश की ना पहुंचे। एसटीेएफ की गाडिय़ों के साथ चल रही मीडिया की गाडिय़ों को अचानक रोक लिया जाता है और कुछ ही मिनटों में गाड़ी भी पलट जाती है और एनकाउंटर भी हो जाता है। मज़े की बात यह कि इसके गिरोह के कई सदस्य लगभग इसी तरह की हरकत के कारण मारे जा चुके हैं इसीलिये लोग सोशल मीडिया पर कह रहे है कि एसटीेएफ ने स्क्रिप्ट सही नहीं लिखी। हैरानी की बात यह है कि कल के विडियो में विकास सफारी में बिठाया जा रहा था लेकिन एसयूवी पलट गई। हाथ में हथकड़ी लगाये लंगड़े विकास ने पिस्टल भी छीन ली और दर्जनों एके 47 लिये लोग कुछ नहीं कर पाये। मंदिर में सरेंडर करने वाला विकास भागेगा क्यों? वाह री यूपी की एसटीएफ। स्क्रिप्ट भी अच्छी लिखनी नहीं आती। यूपी के आईजी अमिताभ ठाकुर ने बीस घंटे पहले ट्वीट किया था कि हो सकता है कि विकास कस्टडी से भागने की कोशिश म

पांच लाख के इनामी विकास पर था सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोप

कब क्या हुआ

द्य गुरुवार रात करीब 3:15 बजे झांसी बॉर्डर से एसटीएफ की टीम विकास दुबे को लेकर कानपुर के लिए रवाना हुई।
द्य शुक्रवार सुबह करीब 4:45 बजे एसटीएफ की टीम उरई के एट टोल से विकास दुबे को लेकर निकली
5.20 बजे जालौन जिले के आटा टोल प्लाजा से विकास दुबे को लेकर काफिला निकला
5:38 बजे कालपी का यमुना पुल पार कर कानपुर देहात की सीमा में प्रवेश
6:00 बजे बारा टोल कानपुर देहात से कानपुर नगर की तरफ रवाना हुई
6:15 बजे कानपुर देहात बॉर्डर रायपुर से नगर में प्रवेश किया।
6:30 बजे एसटीएफ की गाड़ी पलटने की सूचना आई। अपराधी विकास दुबे के भागने की कोशिश पर गोली चलाने की सूचना
7:10 बजे एसटीएफ और पुलिस अपराधी विकास दुबे को अस्पताल लेकर पहुंची।
7:55 बजे डॉक्टरों ने अपराधी विकास दुबे को मृत घोषित किया

नूतन ठाकुर ने की मानवाधिकार आयोग से शिकायत

लखनऊ। एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से विकास दूबे मामले में पुलिस द्वारा की गयी तमाम गैरकानूनी कार्यों की जांच की मांग की है। अपनी शिकायत में नूतन ने कहा है कि विकास दूबे का कृत्य अत्यंत जघन्य था किन्तु जिस प्रकार से पुलिस ने इसके बाद जो गैरकानूनी कार्य किये हैं, वह भी अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आरोप हैं कि विकास के मामा प्रेम प्रकाश पाण्डेय तथा अतुल दूबे को गांव में मारा गया जबकि वे कथित रूप से घटना में शरीक नहीं होने के कारण गांव में मौजूद थे। इसी प्रकार उसके सहयोगी प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दूबे एवं अब स्वयं विकास को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मारा जाना किसी को स्वीकार नहीं हो रहा है। पुलिस की कहानी में कई जाहिरा खामियां हैं ऐसे ही जैसे विकास का घर बिना आदेश के गिराया गया अथवा उसकी पत्नी व बच्चे से बर्ताव किया गया, वह अवैधानिक व अनुचित था।

विपक्ष ने एनकाउंटर पर उठाए सवाल

पांच लाख के इनामी विकास दुबे के एनकाउंटर पर विपक्ष ने प्रदेश सरकार को घेरा है। सपा बसपा और कांग्रेस ने सवाल उठाते हुए इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है।

ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गई है : अखिलेश

लखनऊ। दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस पूरे घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए तंज किया है। उन्होंने एक लाइन का ट्वीट किया है कि दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है। इसके पहले अखिलेश ने यादव ने विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद तंज भरा ट्वीट किया था। उन्होंने लिखा, खबर आ रही है कि ‘कानपुर-काण्ड’ का मुख्य अपराधी पुलिस की हिरासत में है अगर ये सच है तो सरकार साफ करे कि ये आत्मसमर्पण है या गिरफ़्तारी. साथ ही उसके मोबाइल की सीडीआर सार्वजनिक करे जिससे सच्ची मिलीभगत का भंडाफोड़ हो सके।

सत्ता में बैठे लोगों और अपराध में शामिल पुलिस वालों पर उठे सवालों का क्या मिलेगा जवाब : संजय सिंह

लखनऊ। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि योगी सरकार आज भी सवालों के घेरे में है सत्ता, अपराधी और पुलिस का गठजोड़ विकास दूबे को पैदा करता है वो तो मारा गया लेकिन सत्ता में बैठे लोगों और आपराधिक कृत्य में शामिल पुलिसवालों पर उठे सवालों का जवाब मिलेगा या विकास दूबे के साथ वो सवाल भी दफन हो जायेंगे।

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