पुणे के बाद लखनऊ में दूसरा वायरस रिसर्च सेंटर बनकर तैयार, वैज्ञानिक करेंगे शोध

इसी माह शुरू हो जाने की उम्मीद, तैयारियां पूरी
सेंटर में जीवित वायरस (लाइव वायरस) पर काम होगा
राज्य सरकार व सीएसआईआर दोनों की सैद्धांतिक सहमति के साथ 50- 50 करोड़ का अंशदान मिलने की उम्मीद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। शहरवासियों के लिए अच्छी खबर है। देश में एक मात्र रिसर्च सेंटर पुणे के बाद दूसरा रिसर्च सेंटर राजधानी लखनऊ में बनकर तैयार हो गया है। इस रिसर्च सेंटर का उद्ïघाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। बताया जा रहा है कि रिसर्च सेंटर का 80 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है और यह जुलाई के अंत तक शुरू कर दिया जाएगा।
देश के दूसरे एडवांस वायरस रिसर्च सेंटर की शुरुआत के लिए केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीडीआरआई) ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। सीडीआरआई के अनुसार 100 करोड़ की लागत से इस वायरस सेंटर की शुरुआत इसी माह की जानी है। संस्थान की कोशिश है कि लखनऊ सहित पूरे प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखे जा रहे इस रिसर्च सेंटर का उद्ïघाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कराया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री से समय मांगा गया है कि उद्ïघाटन की तारीख कब की रखी जाए। संस्थान के निदेशक डॉ. तपस कुंडू बताते हैं कि इस सेंटर के लिए जरूरी प्रयोगशाला बी एस एल -3 की स्थापना कर ली गई है, जिसमें जीवित वायरस (लाइव वायरस) पर काम होगा। इस रिसर्च सेंटर के लिए राज्य सरकार व सीएसआइआर दोनों की सैद्धांतिक सहमति के साथ 50- 50 करोड़ का अंशदान मिलने की उम्मीद है।

अभी तक एकमात्र प्रयोगशाला पुणे में है

देश में वायरस पर शोध के लिए अभी तक एकमात्र प्रयोगशाला पुणे में स्थापित है। अन्य देशों में जिस बड़े स्तर पर वायरस से जुड़े शोध अध्ययन किए जा रहे हैं, उसको देखते हुए व कोविड- 19 की मौजूदा महामारी के संदर्भ में एक संस्थान को काफी पर्याप्त नहीं माना जा रहा है। सीएसआईआर की पहल पर देश में वायरस से जुड़े शोध को गति देने के लिए औषधि अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान सीडीआरआई द्वारा इस एडवांस वायरस रिसर्च सेंटर को स्थापित किया जा रहा है। डॉ. कुंडू बताते हैं कि सेंटर को स्थापित करने से खासकर नोवल कोविड-19 पर औषधि अनुसंधान से जुड़े शोध को गति प्रदान करने में विशेष मदद मिलेगी। लाइव वायरस पर अनुसंधान से खासकर कई ऐसे कंपाउंड पर चल रहे शोध, जिनसे कोराना वायरस, जापानी इंसेफेलाइटिस व अन्य वायरस रोगों के लिए भी कारगर दवा की खोज को नई दिशा मिल सकेगी।

सेंटर की स्थापना के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस संबंध में सीएसआईआर के महानिदेशक डॉ. शेखर मंडे से वार्ता हो चुकी है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी के साथ भी बैठक हुई है तथा प्रोजेक्ट का प्रस्तुतीकरण भी किया जा चुका है। जुलाई के अंत तक इस सेंटर को शुरू कर दिया जाएगा। प्रयास है कि मुख्यमंत्री द्वारा इस सेंटर का उद्ïघाटन किया जाए।
डॉ. तपस कुंडू, निदेशक संस्थान

कोविड-19 जैसे खतरनाक वायरस पर होगा अनुसंधान

रिसर्च सेंटर के निदेशक डॉक्टर कुंडू ने बताया कि सेंटर में पूरी दुनिया के लिए विकट समस्या बने सार्स वायरस, कोविड-19 के साथ-साथ अभी तक चिकित्सीय जगत के लिए चुनौती बने जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) वायरस पर शोध किया जाएगा। वह बताते हैं कि जेई वायरस भी कोरोना की तरह आरएनए वायरस है। साथ ही डेंगू व अन्य वायरस पर भी अनुसंधान किया जाएगा। कुंडू बताते हैं कि इस सेंटर पर काम करने वाले वैज्ञानिकों ने सबसे पहले कोरोना जैसे वायरस पर रिसर्र्च करने की मंशा जाहिर की है।

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