गुजरात में हार, हिमाचल फतह के करीब कांग्रेस फिर क्यों तैयार कर रही प्लान

नई दिल्ली। गुजरात में घुटने टेक चुकी कांग्रेस हिमाचल में फतह के करीब है लेकिन ऐसी क्या वजह है जो कांग्रेस हिमाचल फतह करने के करीब होने के बाद भी अपने अगले प्लान पर काम कर रही है। दो राज्यों गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा के रुझानों के साथ-साथ नतीजें आना भी शुरू हो गए हैं. एग्जिट पोल के बाद रुझानों में भारतीय जनता पार्टी के चेहरे पर मुस्कान आसानी से देखी जा सकती है. वहीं आम आदमी पार्टी भी अपना खाता खोल लेती है तो उसके लिए बड़ी जीत होगी. लेकिन इन दोनों ही राज्यों के रुझानों ने ही कांग्रेस के लिए भी एक बड़ी मुश्किल खड़ी कर दी है. दरअसल कांग्रेस हार और डर के साए में है. अ
गुजरात विधानसभा चुनाव में जहां प्रचार के दौरान लगातार कांग्रेस ये कहती रही कि बीजेपी को इस बार एंटी इनकमबेंसी का सामना करना पड़ेगा और प्रदेश की जनता उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकेगी वहीं नतीजों के दिन कांग्रेस का बयान पूरी तरह बदल गया है. अब कांग्रेस ने गुजरात विधानसभा में अपनी हार मान ली है, क्योंकि रुझानों में भारतीय जनता पार्टी ना सिर्फ बढ़त बल्कि बंपर जीत की ओर बढ़ रही है. यही वजह है कि कांग्रेस ने अपने हथियार डाल दिए हैं. बीते चुनाव में जहां कांग्रेस ने 77 सीटों के साथ दूसरी बड़ी पार्टी बनकर खड़ी थी वहीं इस बार रुझानों में कांग्रेस 40 सीटों के अंदर सिमटती नजर आ रही है.
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने अपने बयान में कांग्रेस की हार स्वीकार तो की है, लेकिन उन्होंने इसका ठीकरा इलेक्शन कमीशन पर फोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि, जनता का जो भी फैसला होगा, वो हमें मंजूर होगा, लेकिन उन्होंने चुनाव आयोग को अपनी हार का जिम्मेदार बता दिया.
एक तरफ जहां गुजरात में कांग्रेस ने हार स्वीकार कर ली है, वहीं हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को अच्छे रुझानों के बाद भी डर सता रहा है. दरअसल हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को छू चुकी है, ऐसे में कांग्रेस को अपने विधायकों की खरीदारी का डर सता रहा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बीजेपी का ऑपरेशन लोटस एक बार फिर हिमाचल प्रदेश में एक्टिव हो सकता है और कांग्रेस के विधायकों को खरीदने की कोशिश की जा रही है.
ऐसे में कांग्रेस के लिए विधानसभा चुनाव के रुझान और परिणाम हार के साथ-साथ डर का भी कारण बनते जा रहे हैं. अब बात करें कांग्रेस की आगे की तैयारी को लेकर तो गुजरात में तो पार्टी ने हथियार डाल दिए हैं, लेकिन हिमचाल प्रदेश को लेकर कांग्रेस बड़ा एक्शन ले सकती है. ये एक्शन होगा अपने विधायकों को बचाने का और निर्दलीयों पर भी नजर रखने का. क्योंकि नतीजे आते-आते ये हो सकता है कि निर्दलीय की भूमिका बड़ी हो जाए.
इसके साथ ही हिमचाल प्रदेश की राजनीतिक एक बार फिर रिजॉर्ट पर टिक सकती है. जैसा कि अब तक के कई चुनावों में देखनो को मिला है जब दो दलों के बीच टक्कर देखने को मिलती है तो सारा दारोमदार विधायकों के पाले बदलने पर टिक जाता है. ऐसे में हर दल की कोशिश रहती है कि, अपने-अपने विधायकों को दूर कहीं रिजॉर्ट में ले जाकर सरकार बचाने या बनाने की कोशिश की जाए. कांग्रेस भी इसी फॉर्मूले के तहत राजस्थान के रिजॉर्ट में अपने विधायकों को सुरक्षित रख सकती है.

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