नहीं रहे लालजी टंडन यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक

  • अधूरी रह गई अयोध्या में राम मंदिर निर्माण कार्य देखने की लालजी टंडन की इच्छा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भाजपा के वरिष्ठ राजनेता, लखनऊ के पूर्व सांसद, पूर्व मंत्री के अलावा वर्तमान में मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन (85) का लंबी बीमारी के बाद आज सुबह 5.30 बजे लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। शहरवासियों ने उनके अंतिम दर्शन कर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी। साथ ही शोकाकुल परिजनों को धैर्य बनाए रखने की अपील की। 12 अप्रैल 1935 को लखनऊ में जन्मे टंडन को बीते 11 जून को सांस लेने में तकलीफ और बुखार के चलते लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। टंडन के निधन की जानकारी उनके बेटे आशुतोष टंडन (यूपी के नगर विकास मंत्री) ने ट्वीट कर दी। लालजी टंडन के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक दिन का राजकीय अवकाश व तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। मेदांता हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉक्टर राकेश कपूर ने बताया कि टंडन को किडनी के साथ-साथ लिवर फंक्शन की बीमारी थी। बताया जाता है कि टंडन जीवन के अंतिम समय में अयोध्या जाकर रामलला का दर्शन करना चाहते थे। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1960 में की थी।

राष्टï्रपति, पीएम व योगी सहित दिग्गजों ने दी श्रद्घांजलि

राष्टï्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, सीएम योगी आदित्यनाथ, शिवराजसिंह चौहान, नीतीश कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, बसपा सुप्रीमो मायावती, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, केशव मौर्य, भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, भाजपा प्रभारी सुनील बंसल, बृजेश पाठक सहित भाजपा व विपक्ष के दिग्गज नेताओं व जनप्रतिनिधियों ने एमपी के राज्यपाल लालजी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

टंडन को मायावती बांधती थीं राखी

पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती उन्हेंं राखी बांधती थीं। दरअसल, यूपी के चॢचत गेस्ट हाउस कांड के समय लालजी टंडन ने स्वर्गीय ब्रह्मदत्त द्विवेदी के साथ मिलकर मायावती की जान बचाई थी। यही कारण है कि बहनजी उन्हेंं अपना भाई मानती थीं और राखी बांधती थीं।

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