दारोगा जी कोई आपकी बहन के सामने भी कर सकता है यह काम!

sanjay sharma

बड़ा सवाल यह है कि आखिर वो कौन सी मानसिकता है जिसके चलते पुलिस वाले ऐसा काम करते है जो कोई सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता। यह एक पुलिस वाले का कृत्य नहीं बल्कि यह एक मनोविज्ञान है। आदमी के मानसिक असंतुलन का कोई भरोसा नहीं। यह कभी भी किसी भी रूप में कही भी हो सकता है।

देवरिया जिले के एक दरोगा के वायरल हुए वीडियो ने पूरे पुलिस महकमे को शर्मसार कर दिया है। एक महिला के सामने हस्तमैथुन करते दरोगा को हॉलाकि उसके किये जाने का दंड तो मिल गया पर बड़ा सवाल यह है कि आखिर वो कौन सी मानसिकता है जिसके चलते पुलिस वाले ऐसा काम करते है जो कोई सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता। यह एक पुलिस वाले का कृत्य नहीं बल्कि यह एक मनोविज्ञान है। आदमी के मानसिक असंतुलन का कोई भरोसा नहीं। यह कभी भी किसी भी रूप में कही भी हो सकता है। ज्यादा गंभीर बात यह है कि यह उस व्यक्ति के द्वारा किया गया कृत्य है जिसको समाज सुधारने की ज्यादा जिम्मेदारी दी गयी है। यह इसलिए भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि यह महिला के साथ हुआ एक ऐसा खतरनाक कृत्य है, जिससे इस महिला के मन और मस्तिष्क मे पुलिस के प्रति जो अवधारणाएं बनेगी उसको भूल जाना असंभव होगा।
समाज में पुलिस को वैसे भी कभी भी लोग अच्छी नजर से नहीं देखते समाज में कहते भी है कि पुलिस की ना दोस्ती अच्छी और ना बुरी! पुलिस के प्रति यह धारणा एक दिन में नहीं बनी। लंबे समय से पुलिस का लोगों के प्रति ऐसा ही रवैया हमेशा उसको खलनायक के रूप में पेश करता रहा है । हिंदी फिल्में भी इसका अपवाद नहीं है । इन फिल्मों में भी अक्सर पुलिस का ऐसा ही चेहरा समाज के सामने आता रहा है जो उसे और खलनायक बनाता है। एक हिंसक, बेलगाम और सभी का उत्पीडऩ करने वाले चेहरे को देखते-देखते पुलिस कर्मी भी उसी तरह के होने लगे जहां किसी को किसी का डर नहीं रह गया। यह बहुत खतरनाक हालात है। यह दरोगा जी जो कृत्य कर रहे थे उसके पीछे एक भाव और था। वो भाव यह था कि उनको यह डर नहीं था कि उनके इस कृत्य से उनको नुकसान पहुंच सकता है। अपनी वर्दी का रौब, अपने नाते रिश्ते और अपनी पहुच के खयाल ने उनका मानसिक असंतुलन खराब कर दिया। वो जो कर रहे थे वो किसी बलात्कार से कम नहीं है। महिला के शरीर पर भले ही ना हुआ हो पर उसके मन पर जरूर लगातार बलात्कार किया इस दरोगा ने। उसका मन और तन इन क्षणो में हर हालत में हर पल अपने साथ बलात्कार महसूस कर रहा होगा। कोरोना काल पहला दौर था जब पुलिस की छवि लोगों की निगाह में अच्छी बनी थी। लोग पुलिस वालो पर फूल बरसा रहे थे। उनकी सेवा के बदले उनका सम्मान कर रहे थे। मान रहे थे कि कोरोना काल में वर्दी वाले लोगों ने अपनी जान दांव पर लगाकर उनकी रक्षा की। अफसोस इस जैसे दारोगा जो एक महिला के सामने हस्तमैथुन कर रहे वो पूरे विभाग की छवि पर दाग लगाते है!

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