तो ऐसे स्मार्ट बनेगी राजधानी शहर में तारों का जाल, न नगर निगम न बिजली विभाग को सुध

कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा सडक़ के बीचोंबीच फैले हैं तार
बस आदेश-आदेश खेल रहे अधिकारी जमीन पर नहीं दिख रहा काम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एक ओर प्रदेश सरकार राजधानी को स्मार्ट बनाने की तमाम कवायदें कर रही है वहीं दूसरी ओर संबंधित विभाग योजना पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। लापरवाही का आलम यह है कि पूरे शहर में खतरनाक तरीके से बिजली के तारों का जाल बिछा हुआ। बेतरतीब तरीके से बिछाए गए ये तार पूरे शहर की सूरत को बिगाड़ रहे हैं। इसके अलावा इनसे कभी भी बड़ा हादसा होने की आशंका है। वहीं सब कुछ जानते-बूझते हुए भी न नगर निगम को न बिजली विभाग को इसकी चिंता है। वे इस समस्या को लेकर आदेश-आदेश खेल रहे हैं।
राजधानी में बिजली के बिछे बेतरतीब तारों को हटाने में सरकारी तंत्र नाकाम साबित हो रहा है। हालांकि इस समस्या के निदान के लिए भूमिगत लाइन बिछाने की योजना बनायी गई थी। इस पर कुछ काम भी हुआ लेकिन आज तक पूरे शहर में बिजली के तारों को भूमिगत नहीं किया जा सका है। हाल यह है कि शहर के तमाम इलाकों में तारों का मकडज़ाल फैला है। विधान सभा मार्ग पर बेतरतीब तार सडक़ के किनारे और बीच में फैले हैं। यह कभी भी दुर्घटना का सबब बन सकते हैं। यही नहीं जर्जर तारों के कारण बिजली आपूर्ति भी बाधित होती है। यही वजह है कि शासन की ओर से 24 घंटे का आपूर्ति रोस्टर निर्धारित होने के बावजूद स्थितियां सुधर नहीं रही हैं।

एचटी व एलटी लाइनें खस्ताहाल
शहर के सभी 74 वार्डों में बेतरतीब तार बिछे है। एचटी व एलटी दोनों लाइनें खस्ताहाल हैं। शहर के हजरतगंज, लालबाग बाजार, सदर बाजार, अमीनाबाद सहित प्रमुख बाजारों में लटकते तार हादसे का सबब बन सकते हैं। इन बाजारों में शार्ट सर्किट के कारण आग लगने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। कई बड़े हादसे भी हो चुके हैं।

प्रस्ताव पास पर हकीकत उलट
बिजली विभाग ने दिसंबर 2018 में शहर में अंडर ग्राउंड केबिल बिछाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा था। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस पर गहन विचार-विमर्श भी हुआ। इस दौरान शहर में झूलते और खस्ताहाल तारों से होने वाली दुर्घटनाओं का भी मुद्दा उठा था। इसके बाद शासन ने अंडर ग्राउंड केबिल बिछाए जाने के कार्य पर मुहर लगा दी। बावजूद इसके हालात में आज तक सुधार नहीं हुए।

संबंधित विभाग को पत्र लिखा गया है। जल्द ही इस समस्या का समाधान किया जाएगा।
डॉ. अर्चना द्विवेदी, अपर नगर आयुक्त

जोन के एक्सईएन को बेतरतीब फैले तारों को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रदीप कक्कड़, मुख्य अभियंता
लेसा, ट्रांस गोमती

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