सियासत के एक युग का अंत नहीं रहे ‘धरती पुत्र’ मुलायम

मेदांता अस्पताल में ली अंतिम सांस, देश में शोक की लहर

  • राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत राजनीतिक दलों के दिग्गज नेताओं ने जताया दुख
  • प्रदेश में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित, कल सैफई में होगा अंतिम संस्कार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। धरती पुत्र मुलायम सिंह यादव नहीं रहे। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में आज सुबह 8:16 बजे अंतिम सांस ली। वे 82 वर्ष के थे। इसके साथ ही सियासत के एक युग का अंत हो गया। उनके निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, सीएम योगी आदित्यनाथ, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत विभिन्न दलों के दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया। उनके निधन पर यूपी सरकार ने तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। कल पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनके पार्थिक शरीर का अंतिम संस्कार सैफई में होगा। नेताजी के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है।
पहलवान और शिक्षक रहे मुलायम सिंह यादव ने लंबी सियासी पारी खेली। तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे। केंद्र में रक्षा मंत्री रहे। उन्हें बेहद साहसिक सियासी फैसलों के लिए भी जाना जाता है। उन्हें 22 अगस्त को मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया था। मुलायम सिंह को एक अक्टूबर की रात को आईसीयू में शिफ्ट किया गया था। मुलायम सिंह यादव का मेदांता के एक डॉक्टरों का पैनल इलाज कर रहा था। सपा प्रमुख अखिलेश यादव और परिवार के अन्य सदस्य उनके साथ ही हैं। कल तीन बजे मुलायम सिंह यादव के पार्थिव शरीर का सैफई में अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल पहुंचे और श्रद्धांजलि दी। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव के निधन की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेताजी नहीं रहे।

कैबिनेट ने दी श्रद्धांजलि सभी प्रस्ताव स्थगित

प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर शोक व्यक्त किया गया। बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कैबिनेट मंत्रियों ने दिवंगत मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि अर्पित कर शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। बैठक में 12 प्रस्ताव पेश होने थे। सभी प्रस्ताव स्थगित कर दिए गए हैं।

भावुक हुए पीएम मोदी, लिखा उनका निधन पीड़ा देता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुलायम सिंह यादव के निधन पर काफी भावुक दिखे। उन्होंने कई ट्वीट कर मुलायम सिंह यादव के बारे में बहुत कुछ लिखा। साथ ही उन्होंने मुलायम सिंह के साथ अपनी तस्वीरों को ट्वीट करते हुए लिखा, मुलायम सिंह यादव जी विलक्षण व्यक्तित्व के धनी थे। उन्हें एक विनम्र और जमीन से जुड़े नेता के रूप में व्यापक रूप से सराहा गया, जो लोगों की समस्याओं के प्रति संवेदनशील थे। उन्होंने लगन से लोगों की सेवा की और लोकनायक जेपी और डॉ. लोहिया के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने यूपी और राष्ट्रीय राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। वह आपातकाल के दौरान लोकतंत्र के लिए एक प्रमुख सैनिक थे। रक्षा मंत्री के रूप में, उन्होंने एक मजबूत भारत के लिए काम किया। उनका निधन मुझे पीड़ा देता है। उनके परिवार और लाखों समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति।

सदियों में कोई होता है मुलायम जैसा नेता

  • जमीन से जुड़ी राजनीति करते थे नेताजी
  • हर कोई सराहता था उनके कार्यों को

संजय शर्मा


लखनऊ। साल था 1996। नेताजी रक्षा मंत्री थे, मायावती मुख्यमंत्री और मैं बदायूं जिले के एक अखबार का रिपोर्टर। टाटा फर्टिलाइजर की फैक्ट्री के सामने ग्रामीणों पर लाठीचार्ज किया गया था। इसमें कई ग्रामीण घायल हो गए थे। मैंने फोन पर इसकी सूचना नेताजी को दी। नेताजी ने कहा कि मुझे कल इस फैक्ट्री के सामने गुन्नौर में मिलना। अगले दिन मैं उनसे मिला। वे ग्रामीणों से मिले और मुझसे कहा, मेरे साथ दिल्ली चलो और इस पूरे मामले को विस्तार से मुझे लिखकर दो। मैं इस मामले में ग्रामीणों को न्याय दिलाऊंगा। ये मेरी नेताजी के साथ पहली और यादगार मुलाकात थी। उसके बाद मेरा-उनका एक पारिवारिक रिश्ता कायम हो गया।
वे रक्षामंत्री थे तो मैंने उनके साथ दर्जनों यात्राएं कीं और उनकी ऊर्जा देखकर मैं हैरान हो जाता था। वे रात के डेढ़ बजे तक लोगों से बातचीत करते रहते थे और सुबह पांच बजे अगर मैं उनके साथ हूं तो उनके सुरक्षाकर्मी दरवाजा खटखटा दिया करते थे कि नेताजी टहलने को बुला रहे हैं। उन्होंने मुझे खुद राजनीति में आने और चुनाव लडऩे का न्योता भी दिया पर मैंने हाथ जोडक़र कहा कि राजनीति मेरे बस की बात नहीं, मुझे पत्रकारिता ही करनी है। मैं उन पलों का साक्षी रहा जब रक्षा मंत्रालय के साउथ ब्लाक की अंग्रेजी की नेम प्लेट को हटाकर उन्होंने इसमें हिंदी में भी लिखने को कहा था। हिंदी को स्थापित करने के लिए उन्होंने शानदार काम किया।
आंवला लोक सभा चुनाव में एक रैली को कवर करने के लिए मैं उनके साथ जा रहा था, हेलीकॉप्टर लैंड हो रहा था तभी अचानक झटके साथ पायलट ने उसे ऊपर उठा दिया। नेताजी और मैं लगभग कुर्सी पर लडख़ड़ा गए। तब पायलट ने बताया कि नीचे हाई पावर टेंशन लाइन गुजर रही है व हेलीकॉप्टर ब्लास्ट होते-होते बचा है। यह सुरक्षा की गंभीर चूक थी। नाराज नेताजी ने पायलट से कहा कि किसी भी खेत में हेलीकॉप्टर उतार दो। पायलट झिझका मगर नेताजी की जिद पर खेत में हेलीकॉप्टर उतारा गया और मंच पर आते ही नेताजी ने इस सुरक्षा को लेकर जो भाषण दिया उसने दो घंटे में पूरे लोक सभा क्षेत्र का नजारा ही बदल दिया और पार्टी जीत गयी।
रक्षामंत्री के रूप में उनकी ईमानदारी को देश का हर बड़ा राजनेता सराहता है। उनके दौर के रक्षा सौदों पर कभी कोई सवाल नहीं खड़ा हुआ। मैंने अखिलेश यादव की शादी के समय उनके भीतर की परेशानियां भी देखीं और अखिलेश यादव के प्रति उनका अगाध प्रेम भी देखा है। वे अखिलेश यादव को एक मजबूत और पढ़ा-लिखा राजनेता बनाना चाहते थे। उनका धरती पुत्र नाम सच में सार्थक था क्योंकि उन्होंने हमेशा धरती से जुड़ी राजनीति की। जिस तरह आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनको याद करते-करते रो पड़े वह यह दर्शाता है कि विपक्ष के नेता उनका कितना सम्मान करते थे। सदियों में कोई ऐसा नेता पैदा होता जैसे मुलायम सिंह यादव थे।

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