चीनी एप्स पर बैन से भारत की आर्थिक दशा मजबूत होगी

sanjay sharma

सरकार के इस फैसले ने अमेरिका में चीनी कंपनी हुआवे के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध की यादें ताजा कर दी है। वैसा ही आक्रामक फैसला भारत ने चीन के खिलाफ लिया है। इसका मनोवैज्ञानिक संदेश बहुत गहरा है और चीन पर भावनात्मक चोट करने वाला भी है।

59 चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाना भारत सरकार का बड़ा कदम है। एक तरह से चीन पर यह डिजिटल स्ट्राइक है। इस स्ट्राइक से भारत की आर्थिक दशा मजबूत होगी। राजनीतिक और तकनीकी दृष्टि से भी आने वाले समय में भारत को इसका भरपूर फायदा मिलेगा। सरकार के इस फैसले ने अमेरिका में चीनी कंपनी हुआवे के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंध की यादें ताजा कर दी है। वैसा ही आक्रामक फैसला भारत ने चीन के खिलाफ लिया है। इसका मनोवैज्ञानिक संदेश बहुत गहरा है और चीन पर भावनात्मक चोट करने वाला भी है। संभवत: चीन को संकेत मिल गया होगा कि भारत का यह कदम चीनी अर्थव्यवस्था, बाजार और तकनीकी कंपनियों के राजस्व को विशेष प्रभावित करने वाला कदम है।
इससे भारत की बदलती मन:स्थिति चीन के खिलाफ नजर आती है। भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए और सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2009 के तहत इन मोबाइल एप्स पर पाबंदी लगाई है। इसमें व्यवस्था है कि भारत की संप्रभुता और अखंडता के हित में सरकार किसी भी कंप्यूटर (या डिजिटल) संसाधन को प्रतिबंधित कर सकती है। इन एप्लीकेशनों के बारे में सरकार की चिंता स्पष्ट थी। इन पर प्रतिबंध ऐसे समय पर लगाया गया है, जब भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव चल रहा है। भारत अब टकराव से बचने की मुद्रा में नहीं है। सरकार के इस फैसले का असर सिर्फ भारत और चीन में ही नहीं, बल्कि विश्व स्तर पर दिखाई देगा। चीनी कंपनियों की विश्वसनीयता के सामने पहले ही संकट है और भारत जैसे बहुत बड़ी जनसंख्या वाले लोकतंत्र का यह कदम चीनी कंपनियों की वैश्विक साख को और भी प्रभावित करेगा। भारत सरकार के इस फैसले से साफ है कि भारत अब चीन के साथ अपने संबंधों को बचाए रखने के लिए बेताब नहीं है। भारत सरकार आगे कुछ और बड़े फैसले कर सकती है। उसने चीनी कंपनियों के कुछ अनुबंध रद्द किए हैं और ऐसे कुछ टेंडर भी रद्द कर दिए हैं। जहां पर चीनी कंपनियां दावेदार थीं। 5जी तकनीक के मामले में हुआवे कंपनी के उपकरणों को लेकर दुनियाभर में चिंता जताई गयी। अमेरिका में उसे प्रतिबंधित भी कर दिया गया, लेकिन भारत ने अपने यहां 5जी के परीक्षणों में हुआवे को भाग लेने की अनुमति दी थी। अब हालात बदल रहे हैं। संभव है कि भारत सरकार जल्द ही हुआवे से भी हाथ झटक ले। मौजूदा डिजिटल स्ट्राइक इस बात का संकेत है कि भारत सरकार को अब चीन के खिलाफ कदम उठाने में कोई हिचक नहीं है। चीन में विकसित सॉफ्टवेयर, मोबाइल एप्लीकेशन के असुरक्षित होने के मुद्दे पर दुनिया में कोई विशेष विवाद नहीं है। बावजूद चीनी दूरसंचार उपकरणों को लेकर दुनियाभर में चिंताएं हैं। लोगों का मानना है कि चीन एप्स के जरिए दुनियाभर में कब्जा कर रहा है, जो भारत के वकास के लिए घातक है।

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