कोरोना का खौफ: सवारियां नदारद, ई-रिक्शा, ऑटो और ओला की घटी कमाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस के खौफ का असर ई-रिक्शा से लेकर ऑटो व टैक्सी की कमाई पर भी पड़ा है। लॉकडाउन खुलने के बाद सरकार द्वारा टैक्सी संचालन की अनुमति तो मिल गई लेकिन सवारियां गायब हो गईं। एहतियात के तौर पर लोगों ने घूमने- फिरने या खरीदारी करने घरों से निकलना बंद कर दिया है जिससे कमाई घट गई है। हालात यह है कि सुबह से लेकर शाम तक सवारियों के इंतजार में टैक्सी खड़ी रहती हैं लेकिन सवारी नहीं मिलती। एक दिन में जहां 500 से लेकर 1000 की कमाई होती थी वहीं अब 60 रूपये से लेकर 200 तक की कमाई हो रही है।
एक जून को अनलॉक होने के बाद भी 93 प्रतिशत तक ऑटो, ई-रिक्शा, और टैक्सी की कमाई पर रोक लग गई है। कैब ओनर चालक वेलफेयर समिति उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष आरके पांडे ने बताया कि कोरोना के खौफ के चलते ही कमाई नहीं हो रही है। विजयंत खंड निवासी नागेश्वर व रामरतन राजधानी में तीन साल से ऑटो चला रहे हैं। उनका कहना है कि कोरोना महामारी के चलते ऐसा पहली बार है जब दिन के सिर्फ 60 से 70 रूपये कमा पा रहे हैं जबकि पहले 600 से 700 के बीच कमाई हो जाती थी, जिसमें से 500 रूपये मालिक को देते थे और 200 रूपये घर के खर्चे के लिए निकल आते थे। अम्बेडकर पार्क से लेकर जनेश्वर के लिए ही कई सवारियां मिल जाती थी लेकिन अब लोग बाहर नहीं निकल रहे जिससे हमारा काम चौपट हो गया है। ई- रिक्शा के चालक घनश्याम कहते हैं कि कमाई का कोई और जरिया नहीं है इसलिए सवारियों के इंतजार में सुबह 9 बजे से 7 शाम बजे तक खड़े रहते हैं। कुछ पैसे मिल जाते हैं जिससे रोटी-चटनी खाकर गुजारा चला रहे हैं। वहीं उबर के ऑटो चालक ने बताया कि पहले बुकिंग हो जाती थी जिससे रोटी खाने की चिंता नहीं सताती थी लेकिन अब घर से बाहर निकलने से पहले सोचना पड़ता है क्योंकि बुकिंग मिल नहीं रही और मेहनत पूरे दिन हो जाती है।

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