किस राह पर बढ़ रहे भारत-चीन?

sanjay sharma

सवाल यह है कि क्या विस्तारवादी चीन की यह आक्रामकता युद्ध का संकेत है? क्या चीन के प्रति बदली भारतीय विदेश नीति के कारण तनाव बढ़ा है? क्या अपने आर्थिक हितों पर कुठाराघात से चीन बौखला गया है? क्या दक्षिण चीन सागर में भारत की दिलचस्पी और तिब्बत की समस्या को हवा देने से चीन खफा है? क्या चीन सीमा पर तनाव को लंबे समय तक बनाए रखना चाहता है?

भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। चार दशक के बाद एलएसी पर गोली चली है। भारतीय सेना का कहना है कि चीनी सैनिकों ने उकसाने के लिए हवा में फायरिंग की और वे लगातार घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं। इन सबके बीच कूटनीतिक, राजनीतिक और सैन्य स्तर पर वार्ता भी जारी है। सवाल यह है कि क्या विस्तारवादी चीन की यह आक्रामकता युद्ध का संकेत है? क्या चीन के प्रति बदली भारतीय विदेशनीति के कारण तनाव बढ़ा है? क्या अपने आर्थिक हितों पर कुठाराघात से चीन बौखला गया है? क्या दक्षिण चीन सागर में भारत की दिलचस्पी और तिब्बत की समस्या को हवा देने से चीन खफा है? क्या चीन सीमा पर तनाव को लंबे समय तक बनाए रखना चाहता है? चीन एलएसी के विवाद को निपटाने के लिए उत्सुक क्यों नहीं है? क्या कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में हुई किरकिरी से परेशान चीन ऐसी हरकतें कर रहा है? क्या वार्ता की आड़ में वह युद्ध की तैयारी में लगा है?
चीन और भारत के रिश्ते कभी मधुर नहीं रहे हैं। चीन ने भारत की काफी जमीन पर कब्जा कर रखा है और उसकी नजर लद्दाख व अरुणाचल प्रदेश पर लगी हुई है। चीनी सैनिक अक्सर एलएसी पार कर भारतीय क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते रहे हैं। मोदी सरकार के आने के बाद भारत की विदेश नीति में भी आमूल बदलाव हुए। चीन व पाकिस्तान जैसे दुश्मन देशों के प्रति भारत जैसे को तैसा जवाब देने की नीति पर चलता दिख रहा है। यही वजह है कि एलएसी पर एक बार फिर भारतीय और चीनी फौजें युद्ध की पूरी तैयारी के साथ एक दूसरे के सामने खड़ी हैं। पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंकवाद के प्रति भी भारत का रवैया बेहद आक्रामक रहा है। तिब्बत और दक्षिण चीन सागर को लेकर भी भारत कूटनीति चालें चल रहा है। इससे चीन बेहद परेशान है। चीन की विस्तारवारदी नीति के खिलाफ आस्टे्रलिया, जापान, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस भी भारत के साथ हैं। वहीं पूरी दुनिया कोरोना वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार मानती है। इसके अलावा चीन में अनाज की कमी हो चुकी है। चीन सरकार अपनी जनता से अनाज की कम खपत की अपील कर रही है। घरेलू और बाहरी मोर्चे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए चीन के राष्टï्रपति शी जिनपिंग भारत से तनाव बढ़ा रहे हैं। चीन वार्ता की आड़ में सेना की तैनाती कर भारत को डराने की कोशिश भी कर रहा है। यदि स्थितियां नहीं सुधरी तो दोनों देशों के बीच सीमित या बड़ा युद्ध हो सकता है। जाहिर है एलएसी विवाद का स्थायी समाधान तभी हो सकता है जब दोनों देश वार्ता के जरिए सीमा का निर्धारिण करें और उसका सम्मान करते रहें।

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