अब यूपी में चीन की कंपनियां प्रतिबंधित नहीं मिलेगा कोई भी सरकारी प्रोजेक्ट

चीन पर अब योगी सरकार ने किया प्रहार
पड़ोसी देश की कंपनियों की जगह भारतीय कंपनियों को तरजीह

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। लद्दाख में भारत-चीन के बीच तनाव लगातार बना हुआ है। इसे देखते हुए चीनी उत्पादों व कंपनियों का बहिष्कार देश भर में जारी है। भारत सरकार के बाद अब यूपी सरकार ने भी चीन की कई कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बड़ा फैसला लेते हुए चीन की तमाम कंपनियों समेत कुछ अन्य पड़ोसी देशों की कंपनियों को बैन कर दिया है।
अब ये कंपनियां यूपी के किसी भी सरकारी प्रोजेक्ट में टेंडर नहीं डाल सकेंगी। सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से यह आदेश सभी विभागों को भेज दिया गया है। इसके तहत यूपी सरकार एक सक्षम प्राधिकरण बनाएगी। संबंधित देशों की कंपिनयों को पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। रजिस्ट्रेशन से पहले इन कम्पनियों को रक्षा व विदेश मंत्रालय से राजनीतिक सहमति और गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी अनुमति लेनी होगी। रजिस्ट्रेशन करवाने वाली हर कंपनी की रिपोर्ट हर तीन महीने बाद केंद्र को भेजी जाएगी। योगी सरकार का मानना है कि पड़ोसी देश की कंपनियों की जगह भारतीय कंपनियों को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि यहां के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो सके। गौरतलब है कि 1962 की लड़ाई के बाद भारत-चीन सीमा पर फिर से विवाद बढ़ गया है। गलवान घाटी को अपने-अपने देश का हिस्सा बताकर दोनों देश की सेनाओं में विवाद उत्पन्न हुआ है। जिस समय दुनियाभर के लोग कोरोना संकट से जूझ रहे थे वहीं दूसरी तरफ भारत और चीन सीमा विवाद को लेकर आमने-सामने आ गए थे। अप्रैल के तीसरे सप्ताह में शुरू हुई यह तनाव अब तक जारी है।

इन कंपनियों के लिए भारत बड़ा बाजार

उत्तर प्रदेश सरकार की नजर जापान, अमेरिकी और यूरोपीय कंपनियों पर है, जो अब चीन से बाहर निकलने की सोच रही हैं। सूत्रों के मुताबिक ये कंपनियां चीन की तर्ज पर दूसरे देशों में कारोबार स्थापित करने की सोच रही हैं और बड़ा बाजार होने के नाते इसका विकल्प उन्हें भारत में नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री ने विदेशी कंपनियों को अपने यहां निवेश करने और उद्योग लगाने के लिए आकर्षित करने को लेकर एक टास्क फोर्स का गठन किया है। यह टास्क फोर्स विदेशी कंपनियों के लिए प्रदेश में रेड कारपेट बिछा रही हैं, जिसके फलस्वरूप हाल ही में एक दिग्गज जर्मन फुटवेयर कंपनी ने अपना प्लांट आगरा में शिफ्ट करने का फैसला किया है।

नेपाल बॉर्डर से भारत की तस्वीर खींच रहा ड्रैगन

लखनऊ। यूपी के पीलीभीत नेपाल बॉर्डर पर चीन की सैटेलाइट देखे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई। सूचना मिलते ही डीएम, एसपी पीलीभीत, डीआईजी बरेली रेंज, एसएसपी बरेली ने त्रिशूल एयर फोर्स स्टेशन के इंटेलिजेंस अफसरों से संपर्क साधा है। तमाम सुरक्षा एजेंसियों से बातचीत की गई। नेपाल पीलीभीत बॉर्डर पर सुरक्षा का घेरा बढ़ा दिया गया है। पूरे इलाके में एसएसबी और पुलिस ने पेट्रोलिंग की लेकिन किसी तरीके की हलचल और जानकारी की पुष्टि नहीं हुई। सूत्रों के मुताबिक, सेंट्रल इंटेलिजेंस दिल्ल्ी ने नेपाल बॉर्डर पर पीलीभीत में सेटेलाइट के जरिए तस्वीर लिए जाने का अलर्ट जारी किया था। इसके बाद देर रात तक तमाम अधिकारी और एजेंसियां सक्रिय हो गए। डीआईजी रेंज राजेश पांडेय, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारियों, आर्मी इंटेलिजेंस के अफसरों से बातचीत की। आईबी के अधिकारियों से भी घटना के बारे में जानकारी ली गई। डीआईजी ने एसपी पीलीभीत से पूरे मामले की रिपोर्ट ली। नेपाल बॉर्डर पर तैनात अधिकारियों से भी बातचीत की गई। पूरे नेपाल बॉर्डर पर डीआईजी ने अलर्ट जारी कर दिया है और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है।

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