योगी सरकार ने विधायक निधि स्थगित की, कोविड केयर में जाएंगे 1500 करोड़

विधानमंडल के आगामी सत्र में विधेयक लाने की तैयारी
20 अगस्त से सत्र शुर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। केंद्र सरकार की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सभी विधायकों की 30 प्रतिशत सैलरी कम करने की तैयारी में है। इसी के तहत योगी सरकार ने विधायकों की निधि (एमएलए फंड) वर्ष 2020-21 के लिए स्थगित कर दी है। ऐसे में अब विधायक निधि की राशि का उपयोग कोविड-19 महामारी के लिए किया जाएगा। बताया जा रहा है कि विधानमंडल के आगामी सत्र में यह विधेयक लाया जाएगा। सत्र 20 अगस्त से प्रस्तावित है।
बता दें कि कोरोना की शुरूआत में राज्य सरकार ने 8 अप्रैल को मंत्रियों, विधायकों के वेतन, भत्तों में 30 फीसदी कटौती के साथ ही विधायक निधि को एक साल के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया था। इसके लिए अध्यादेश जारी किए गए थे। बीजेपी के महामंत्री और एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने दो साल की विधायक निधि की पांच करोड़ की राशि मुख्यमंत्री को सौंपने का ऐलान किया है। बीजेपी नेता ने इसकी जानकारी ट्वीट कर के दी थी। इसके अलावा कई और विधायकों ने कोरोना जंग में सहयोग का भी आश्वासन दिया है। सचिवालय सूत्रों के अनुसार विधानमंडल के मॉनसून सत्र में यह विधेयक पेश किया जाएगा। विधेयक में प्रावधान है कि मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों के प्रतिमाह वेतन (40 हजार), निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (50 हजार) तथा सचिवीय भत्ता (20 हजार) यानी की कुल 1.10 लाख रुपए प्रतिमाह का 30 प्रतिशत कोविड केयर फंड में दिया जाएगा।
वहीं साल भर में मंत्रिमंडल के 56 सदस्यों के वेतन का लगभग 2.22 करोड़ रुपए कोविड केयर फंड में जाएगा। इसी तरह विधानसभा और विधान परिषद के 503 सदस्यों के प्रति माह वेतन (25 हजार), निर्वाचन क्षेत्र भत्ता (50 हजार) तथा सचिवीय भत्ता (20 हजार) का 30 फीसदी कोविड फंड में जाएगा। वर्ष भर में 15.28 करोड़ रुपए की कटौती करके कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग में दिया जाएगा।

सीएम से मिले शहीद सीओ व एसओ के परिजन

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर बिकरू कांड में शहीद हुए सीओ देवेंद्र मिश्र व एसओ महेश कुमार यादव के परिजनों से आज मुलाकात की। उनकी कुशलक्षेम पूछी। सीएम ने उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।

अयोध्या में मस्जिद के लिए 5 एकड़ भूमि पर मिला कब्जा

जमीन पर अस्पताल व कॉलेज भी बनेगा इस पर सहमति

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बाबरी मस्जिद के प्रमुख पक्षकार उ.प्र.सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या की सोहावल तहसील के धन्नीपुर गांव में मिली 5 एकड़ जमीन पर बोर्ड को कब्जा मिल गया है। ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि अब जल्द ही ट्रस्ट का परमानेंट एकाउंट नम्बर यानी पैन हासिल किया जाएगा, फिर उसका बैंक खाता खुलवा कर, आयकर से 80जी व अन्य औपचारिकताएं पूरी करवाई जाएंगी।
इसके बाद ट्रस्ट उस जमीन पर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए जनसहयोग से धनराशि संकलित करना शुरू करेगा। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट किसी भी तरह केंद्र या राज्य सरकार से इस निर्माण के लिए आर्थिक सहयोग नहीं मांगेगा। उन्होंने कहा कि वहां बनने वाला अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बड़ा अस्पताल अयोध्या व आसपास के सभी धर्म, सम्प्रदाय के लोगों को आसानी से बेहतर चिकित्सा सुविधाएं देगा। साथ ही परिसर में इण्डो इस्लामिक संस्कृति पर शोध कार्य करने के लिए एक रिसर्च सेंटर भी बनेगा। इस परिसर में मकबत भी होगा।

ट्रस्ट का नाम इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन

अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ट्रस्ट बना दिया है। बोर्ड ने ट्रस्ट को इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नाम दिया है। अदनान फर्रूख शाह मियां साहब को इसका ट्रस्टी और उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जुफर अहमद फारूकी अध्यक्ष होंगे। मस्जिद के लिए गठित ट्रस्ट में 15 सदस्यों को जगह दी गई है। हालांकि, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने ट्रस्ट के 9 सदस्यों के नाम की ही घोषणा की है। लखनऊ के अतहर हुसैन ट्रस्ट के सचिव और मेरठ के फैज आफताब कोषाध्यक्ष होंगे। लखनऊ के मोहम्मद जुनैद सिद्दीकी, बांदा के शेख सैदुज्जम्मान, लखनऊ के मोहम्मद राशिद और इमरान अहमद को भी जगह दी गई है। अतहर हुसैन को ट्रस्ट का आधिकारिक प्रवक्ता बनाया गया है।

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