यूपी में बनाएंगे देश की सबसे खूबसूरत फिल्म सिटी: योगी

नोएडा, ग्रेटर नोएडा में जमीन तलाशने के निर्देश
रोजगार सृजन की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी प्रयास

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्तमान परिस्थितियों में देश को एक अच्छी फिल्म सिटी की आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश यह जिम्मेदारी को लेने के लिए तैयार है। हम एक उम्दा फिल्म सिटी तैयार करेंगे। सीएम योगी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण में से किसी एक प्राधिकरण में फिल्म सिटी के निर्माण के लिए जमीन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि यह फिल्म सिटी फिल्म निर्माताओं को एक बेहतर विकल्प उपलब्ध कराएगी, साथ ही, रोजगार सृजन की दृष्टि से भी अत्यंत उपयोगी प्रयास होगा। इस दिशा में भूमि के विकल्पों के साथ यथाशीघ्र कार्ययोजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री अपने आवास पर वीसी के माध्यम से मेरठ मंडल के विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। कैलाश मानसरोवर भवन निर्माण की स्थिति की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद में जनप्रतिनिधियों के प्रशिक्षण हेतु प्रस्तावित केंद्र के निर्माण कार्य को शीघ्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही, बुलंदशहर में राजकीय मेडिकल कॉलेज और तहसील सिकंदराबाद में अटल आवासीय विद्यालय के भवन को तत्परता से पूर्ण करने के लिए भी निर्देशित किया। मेरठ के हस्तिनापुर ब्लॉक में सोती नदी के पुनरुद्धार के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख भी किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद और मेरठ स्मार्ट सिटी योजना के कार्यों में तेजी लाने के लिए कहा। बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारियों को समन्वय के जरिये लंबित परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की हिदायत दी।

आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत ब्लॉक स्तर पर किसान उत्पादक संगठनों के गठन की प्रक्रिया में तेज लाने और कृषि उपज के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने मंडल के हर जिले में पर्यटन की संभावनाओं वाले स्थलों को विकसित करने तथा एमएसएमई सेक्टर और एक जिला एक उत्पाद योजना पर फोकस करने का निर्देश दिया। तालाबों और नदियों के पुनरोद्धार पर जोर देने के साथ 24 से 48 घंटे में खराब ट्रांसफॉर्मर को दुरुस्त करने के लिए कहा।

लव जेहाद पर कड़ा कानून लाने की तैयारी

लव जेहाद की बढ़ती घटनाओं पर रोक लगाने के लिए जल्द राज्य में कड़ा कानून बनने जा रहा है। जबरन धर्मांतरण की रोकथाम के लिए कड़े कानून का मसौदा लगभग तैयार कर लिया गया है। न्याय व गृह विभाग ने इसके लिए आठ राज्यों में लागू कानून का गहन अध्ययन किया है। दूसरों राज्यों के कानून के प्रमुख तथ्यों को इसमें शामिल भी किया है। राज्य सरकार जल्द लव जेहाद के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी में है। सूबे में लव जेहाद की बढ़ती घटनाओं के चलते सरकार यह कदम उठा रही है। बीते दिनों कानपुर में लव जेहाद के मामलों को लेकर भी सीएम योगी ने कड़े निर्देश दिए थे। कानपुर में एसआईटी लव जेहाद के 14 मामलों की जांच कर रहा है। एसआईटी जल्द अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी। विधि आयोग ने जबरन धर्मांतरण की रोकथाम के लिए कानून बनाने के लिए उत्तर प्रदेश फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल-2019 का प्रस्ताव शासन को सौपा था।

सरकारी नौकरियों में पांच साल संविदा पर कोई फैसला नहीं: केशव मौर्य

संविदा पर रखे जाने के योगी सरकार के प्रस्ताव का चौतरफा विरोध

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी में समूह ख और ग की सरकारी नौकरियों में 5 साल संविदा पर रखे जाने के योगी सरकार के प्रस्ताव का चौतरफा विरोध हो रहा है। प्रतियोगी छात्रों और राजनीतिक दलों के विरोध से घिरी यूपी की योगी सरकार अब बैकफुट पर आ गई है।
सरकार न सिर्फ इससे मुकर गई है, बल्कि यह भी साफ कर दिया है कि सरकारी नौकरियों में नए नियम लागू किए जाने का कभी कोई फैसला ही नहीं हुआ। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि 5 साल तक संविदा पर रखे जाने की बात पूरी तरह गलत और अफवाह है। सरकार ने न तो इस तरह का कोई फैसला लिया है और न ही भविष्य में ऐसा करने का फिलहाल कोई विचार है। उन्होंने 50 साल की उम्र में सरकारी कर्मचारियों को रिटायर किये जाने की चर्चाओं को भी कोरी अफवाह करार दिया है। उनके मुताबिक संविदा पर नौकरी शुरू कराए जाने और 50 साल में रिटायर किये जाने की बातें विपक्षियों की साजिश है।

वकील अधिकरणों का मुख्यालय लखनऊ में स्थापित करने का विरोध
लव जिहाद के बढ़ते मामलों पर केशव मौर्य ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और सरकार जल्द ही कोई बड़ा फैसला लेगी। उन्होंने संकेत दिया कि लव जिहाद को लेकर सरकार अध्यादेश ला सकती है। प्रयागराज अधिकरणों का मुख्यालय लखनऊ में बनाने के मामले में डिप्टी सीएम केशव मौर्य को हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने ज्ञापन सौंपा है। वकील अधिकरणों का मुख्यालय लखनऊ में स्थापित करने का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सरकारी कार्यालयों के मुख्यालय लखनऊ शिफ्ट करने पर नाराजगी जताई है।

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