बढ़ती बेरोजगारी खतरे की घंटी

sanjay sharma

सवाल यह है कि बेरोजगारी की यह रफ्तार कब थमेगी? क्या सरकार इससे निपटने में कामयाब हो सकेगी? लाखों बेरोजगार हो चुके लोगों को रोजी-रोटी कैसे मिलेगी? क्या बेरोजगारी नए प्रकार की आर्थिक व सामाजिक समस्या का कारण नहीं बनेगी? क्या अनलॉक के बाद भी स्थितियों में जल्द सुधार होने की संभावना है?

कोरोना वायरस ने पूरे दुनिया में कोहराम मचा रखा है। अकेले भारत में इसने 49 लाख से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है। इसके अलावा इस महामारी ने देश की पूरी अर्थव्यवस्था को बेपटरी कर दिया है। वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने लाखों लोगों की रोजी रोटी छिन ली। कई क्षेत्रों में आज भी गतिविधियां ठप हैं। देश में बेरोजगारी की दर लगातार बढ़ती जा रही है। सवाल यह है कि बेरोजगारी की यह रफ्तार कब थमेगी? क्या सरकार इससे निपटने में कामयाब हो सकेगी? लाखों बेरोजगार हो चुके लोगों को रोजी-रोटी कैसे मिलेगी? क्या बेरोजगारी नए प्रकार की आर्थिक व सामाजिक समस्या का कारण नहीं बनेगी? क्या अनलॉक के बाद भी स्थितियों में जल्द सुधार होने की संभावना है? क्या कोरोना काल में असंगठित क्षेत्रों में रोजगार का मौका उत्पन्न हो सकेगा?
कोरोना वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था को घुटने पर ला दिया है। शिक्षा और पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह ठप हैं। पर्यटन से जुड़े 12 करोड़ लोग भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके हैं। निजी स्कूलों में पढ़ाने वाले लाखों शिक्षक बेरोजगार हो चुके हैं। असंगठित क्षेत्र में लाखों लोगों की नौकरियां खत्म हो चुकी हैं। इसमें पुरुषों के मुकाबले महिलाओं का प्रतिशत अधिक है। एक्शन एड एसोसिएशन द्वारा कराए गए ताजा सर्वे के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान 79.23 फीसदी महिलाओं को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा जबकि 51.6 प्रतिशत पुरुषों को बेरोजगार होना पड़ा। घरों में काम करने वाली 85 फीसदी महिलाओं को संक्रमण से सुरक्षा के मद्देनजर काम से हटा दिया गया। इस दौरान इनके पास आमदनी का कोई जरिया नहीं था और वे अपनी जमापूंजी भी खर्च चुकी हैं। इन्हें आज भी काम नहीं मिल रहा है। हालांकि सरकार ने लोगों को राहत देने के लिए पैकेज की घोषणा की लेकिन यह नाकाफी साबित हो रहा है। हां, मजूदरों को कुछ राहत जरूर मिली। उन्हें मनरेगा के तहत काम मिल सका। पटरी दुकानदारों को लोन देने की घोषणा हुए काफी वक्त बीत गया लेकिन आज तक इनको इसका लाभ नहीं मिल सका। इसके अलावा लाखों युवा रोजगार की कतार में खड़े हैं। यदि इन बेरोजगारों की रोजी-रोटी का संकट जल्द दूर नहीं किया गया तो देश में एक नयी सामाजिक-आर्थिक समस्या पैदा हो सकती है। इसके अलावा अपराधों का ग्राफ भी तेजी से बढ़ सकता है। जाहिर है, सरकार को बेरोजगार हो चुके लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए जल्द कुछ करना होगा। उन युवाओं को भी रोजगार उपलब्ध कराना होगा जो इस कतार में आगे खड़े हैं वरना स्थितियां विस्फोटक हो जाएंगी

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