कराची में आतंकी हमले के निहितार्थ

Sanjay Sharma

सवाल यह है कि आतंकियों ने कराची को ही निशाना क्यों बनाया? क्या यह हमला इमरान सरकार के लिए खतरे का अलार्म है? क्या बलूचों के प्रति पाकिस्तानी सरकार और सेना की दमनात्मक नीति के कारण ये हालात उत्पन्न हुए? क्या अब बलूचों ने अपनी आजादी के लिए आतंकी गतिविधियों के जरिए इमरान सरकार से दो-दो हाथ करने की तैयारी कर ली है?

कराची स्थित पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर चार आतंकियों ने हमला किया। इस हमले में आतंकवादियों समेत दस लोगों की मौत हो गई। कई गंभीर रूप से जख्मी भी हुए। सभी आत्मघाती हमलावर थे। हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली है। सवाल यह है कि आतंकियों ने कराची को ही निशाना क्यों बनाया? क्या यह हमला इमरान सरकार के लिए खतरे का अलार्म है? क्या बलूचों के प्रति पाकिस्तानी सरकार और सेना की दमनात्मक नीति के कारण ये हालात उत्पन्न हुए? क्या अब बलूचों ने अपनी आजादी के लिए आतंकी गतिविधियों के जरिए इमरान सरकार से दो-दो हाथ करने की तैयारी कर ली है? क्या इस हमले के जरिए वे बलूच समस्या के प्रति पूरी दुनिया का ध्यान खींचना चाहते हैं? क्या आने वाले दिनों में पाकिस्तान को ऐसे और हमलों से दो चार होने के लिए तैयार हो जाना चाहिए?
आतंकियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान की हालत खराब हो चुकी है। भारत और अफगानिस्तान जैसे अपने पड़ोसी देशों में आतंकी गतिविधियों को संचालित करने वाला पाकिस्तान अब खुद आतंकियों के निशाने पर है। कराची में हुआ आतंकी हमला इसका ताजा उदाहरण है। यह बलूचों के प्रति पाकिस्तानी सरकार और सेना के क्रूर दमन की प्रतिक्रिया भी है। जैसे-जैसे बलूचिस्तान में पाकिस्तान से अलग होने की मांग को लेकर आंदोलन तेज हुए पाक आर्मी ने इसका क्रूरता से दमन किया। पाकिस्तानी हुक्मरान भी बलूच समस्या का समाधान सेना के कंधों पर छोडक़र बैठ गए। वे बलूचों के साथ हो रहे सेना के अत्याचारों के खिलाफ आंखें मूंदे रहे। लिहाजा बलूचों के एक समूह ने पाक आर्मी को जवाब देने के लिए आतंकी गतिविधियों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। हाल के दिनों में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने पाकिस्तान में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है। यह आतंकी संगठन बलूचिस्तान की पाकिस्तान से आजादी के लिए लड़ाई लडऩे का दावा करता है। यह आतंकी संगठन 2000 में उस वक्त सुर्खियों में आया था, जब इसने पाकिस्तान में सिलसिलेवार धमाके किए थे। कराची पर हमले के पीछे भी इस संगठन की सोची-समझी चाल है। कराची पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी है और यहां हमले करके बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी दुनिया का ध्यान बलूचों की समस्या की ओर खींचना चाहती है। आतंकियों को पालने वाले पाकिस्तान के लिए यह खतरे का संकेत है और यदि इमरान सरकार ने आतंकवाद को प्रश्रय देना बंद नहीं किया तो आतंकी संगठन उसके लिए भस्मासुर साबित होंगे। साथ ही उसे बलूचों की समस्या भी सुलझानी होगी।

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