उपचुनाव सपा के लिए प्रतिष्ठï का प्रश्न

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। आजमगढ़ और रामपुर लोक सभा क्षेत्र सपा के मजबूत गढ़ माने जाते हैं। इसी वजह से इन दोनों सीटों का उपचुनाव सपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है लेकिन इस बार चुनाव प्रचार के लिए अखिलेश यादव आजमगढ़ और रामपुर दोनों जगह नहीं गए तो सवाल उठे कि आखिर क्यों नहीं गए? इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार सुशील दुबे, अनिल रॉयल, डॉ. राकेश पाठक, शीतल पी सिंह, किसान नेता डॉ. सुनीलम और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
अनिल रॉयल ने कहा कि रामपुर में आजम खां की वजह से ही जीत-हार होती है और आजमगढ़ की सीट ऐसी है जहां मुलायम सिंह परिवार का दबदबा है और उसी परिवार के धर्मेंद्र यादव लड़ रहे हैं तो जीत पक्की ही है। वोटरों का मूड क्या होगा, यह अभी कहना ठीक नहीं है। कभी-कभी समीकरण बदल भी जाते हैं। सुशील दुबे ने कहा, आजम खां के रामपुर में 40 फीसदी वोट पड़ा है और आजमगढ़ में तो सपा की रजिस्ट्री समझो। कई सालों से लगातार हर चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बार अखिलेश को मालमू है कि वन टू वन या तो इधर आएगा या उधर जाएगा इसलिए उपचुनाव में प्रचार करने नहीं गए। निरहुआ की किस्मत में चुनाव जीतना ही नहीं।
डॉ. राकेश पाठक ने कहा, राजनीति संदेशन का पेशा है, खेती है। अखिलेश नहीं गए कोई कारण जरूर रहा होगा। नड्ïडा, शाह जैसे लोग जब निकाय चुनाव में रोड शो कर आए तो यहां नहीं आए तो कोई बड़ी बात नहीं। मायावती यूपी की राजनीति में हाशिए पर चली गई है। अखिलेश ने आजम खां की एक तरह से परीक्षा भी ली कि आप का गढ़ है, आप ही जिताइए। क्षेत्रीय पार्टी के मुखिया को प्रचार करना चाहिए यह अखिलेश की भूल है। शीतल पी सिंह ने कहा जो लोग 24 घंटे राजनीति कर रहे हैं। सरकारें बना रहे, सरकारें गिरा रहे, पैसों के स्रोत्र पर बड़ा काम कर रहे हैं। ऐसे में क्षेत्रीय पार्टियों को बहुत ज्यादा एक्टिविटी की जरूरत है। वही लोग राजनीति कर पा रहे हैं जो 24 घंटे एक्टिव है ममता बैनर्जी हो या केजरीवाल।
डॉ. सुनीलम ने कहा, दोनों उपचुनाव में मतदान प्रतिशत कम है। ऐसे में सपा-भाजपा दोनों दल चिंतित है। सपा का गढ़ कहे जाने के चलते उनके खाते में दोनों सीट जानी चाहिए। फिलहाल कल पता चलेगा?

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