परीक्षा संस्थाओं की साख पर सवाल

sanjay sharma

सवाल यह है कि क्या इससे परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता प्रभावित नहीं होगी? क्या इतना बड़ा गोलमाल बिना सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के संभव है? क्या परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं की साख दांव पर नहीं लग रही है? क्या प्रतिभाशाली छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने की छूट किसी को दी जा सकती है? क्या पूरी परीक्षा प्रणाली में आमूल बदलाव की जरूरत है?

नोएडा पुलिस ने दिल्ली पुलिस की कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में सेंध लगाने की कोशिश करने वाले नौ और गोरखपुर एसटीएफ ने 12 सॉल्वर गैंग के सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह परीक्षा पास कराने के एवज में परीक्षार्थियों से आठ से 35 लाख तक लेता था। परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग द्वारा सेंध लगाने की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले उत्तर प्रदेश में हुए शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी सॉल्वर गैंग के कई सदस्यों को गिरफ्तार किया गया था। सवाल यह है कि क्या इससे परीक्षाओं की शुचिता और विश्वसनीयता प्रभावित नहीं होगी? क्या इतना बड़ा गोलमाल बिना सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत के संभव है? क्या परीक्षा आयोजित करने वाली संस्थाओं की साख दांव पर नहीं लग रही है? क्या प्रतिभाशाली छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने की छूट किसी को दी जा सकती है? क्या पूरी परीक्षा प्रणाली में आमूल बदलाव की जरूरत है? आखिर परीक्षार्थी ऐसे सॉल्वर गैंग के झांसे में कैसे आते हैं? क्या भ्रष्टïाचार के घुन ने सरकारी तंत्र को पूरी तरह खोखला कर दिया है?
भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग की लगातार हो रही घुसपैठ बेहद चिंताजनक है। नकल माफिया परीक्षार्थियों से पैसा लेकर उनके स्थान पर सॉल्वरों को बैठाकर परीक्षा पास कराने में जुटे हैं। परीक्षार्थी यह मानकर चलते हैं कि भर्ती परीक्षाओं में खेल होता है, लिहाजा वे इन सॉल्वर गैंग के झांसे में आ जाते हैं। इस गैंग की वजह से कई सरकारी परीक्षा संस्थाएं बदनाम हो चुकी हैं। इन नकल माफियाओं का नेटवर्क काफी मजबूत है। यह कई राज्यों तक फैला है। ये न केवल बोर्ड परीक्षाओं बल्कि आईटी और मेडिकल परीक्षाओं में भी सॉल्वर के जरिए परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए जमकर पैसा लेते हैं। इसमें दो राय नहीं कि यह सारा धंधा नकल माफिया, सॉल्वर और कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा है। इसी साल यूपी में हुए परिषदीय विद्यालयों के लिए हुई शिक्षक भर्ती परीक्षा में सेंध लगाने वाला सॉल्वर गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ा था। इसमें प्रयागराज का एक स्कूल प्रबंधक भी शामिल था। नकल माफिया इसके एवज में सभी को हिस्सा देते हैं। लिहाजा उनका नेटवर्क तेजी से फैल रहा है। इसके कारण प्रतिभाशाली परीक्षार्थियों का भविष्य दांव पर लग रहा है। जाहिर है भर्ती परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग की यह सेंध परीक्षाओं का आयोजन करने वाली संस्थाओं की विश्वसनीयता को कठघरे में खड़ा कर रही हैं। सरकार को इस पर न केवल सख्ती से रोक लगानी होगी बल्कि परीक्षा की शुचिता को बचाने के लिए फुलप्रूफ प्रणाली भी बनानी होगी। इसके अलावा संस्थाओं में बैठे भ्रष्टï कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई करनी होगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button