सामूहिक दुष्कर्म मामले में पूर्व मंत्री गायत्री समेत तीन दोषी करार

कोर्ट 12 नवंबर को सुनाएगी सजा
 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को सामूहिक दुष्कर्म के मामले में प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत तीन को दोषी करार दिया है जबकि इसी मामले में गायत्री का गनर और पीआरओ समेत चार साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिए गए हैैं। विशेष जज पवन कुमार राय ने गायत्री समेत तीनों अभियुक्तों को आईपीसी की धारा 376 डी व पाक्सो एक्ट की धारा 5जी/6 के तहत दोषी पाया। आईपीसी की धारा के तहत उम्र कैद जबकि पाक्सो की धारा के तहत मृत्युदंड की सजा का भी प्रवधान है। सजा पर 12 नवंबर को सुनवाई होगी।
पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को सामूहिक दुष्कर्म के इस मामले में मार्च 2017 में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने उनके अलावा दो अन्य अभियुक्त आशीष शुक्ला व अशोक तिवारी को भी दोषी करार दिया है। गायत्री के गनर रहे चंद्रपाल, पीआरओ रूपेश्वर उर्फ रूपेश व एक वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी के बेटे विकास वर्मा तथा अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू के खिलाफ कोर्ट ने साक्ष्य नहीं पाया और उन्हें बरी कर दिया गया। विशेष जज ने इस मामले में झूठी गवाही देने व सबूत छिपाने के मामले का भी संज्ञान लिया है। बुधवार को अदालत के समक्ष गायत्री समेत सभी अभियुक्त जेल से आकर उपस्थित थे। गौरतलब है कि 18 फरवरी, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गायत्री प्रसाद प्रजापति व अन्य छह अभियुक्तों के खिलाफ थाना गौतमपल्ली में सामूहिक दुष्कर्म, जानमाल की धमकी व पाक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था।

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