रामलला को दंडवत कर प्रधानमंत्री मोदी ने रखी मंदिर की नींव

अभिजीत मुहूर्त में किया भूमि पूजन, कहा भारतीय संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा राम मंदिर
सदियों का इंतजार खत्म उठने और टूटने से मुक्त हुई रामजन्मभूमि
सत्य, अहिंसा, बलिदान को न्यायप्रिय भारत की है अनुपम भेंट
अयोध्या की बढ़ेगी भव्यता, बदल जाएगा अर्थतंत्र
मोदी ने बनाया इतिहास बने रामजन्मभूमि पहुंचने वाले पहले पीएम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
अयोध्या। आज अयोध्या में रामकथा का नया इतिहास रचा गया। 492 वर्ष तक चली संघर्ष-कथा का परिणाम आज रामनगरी में साकार हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामलला को दंडवत कर आज अभिजीत मुहूर्त में श्रीराम जन्मभूमि में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करने के साथ इसकी आधार शिला रखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि श्रीराम मंदिर हमारी आस्था, राष्ट्रीय भावना और करोड़ों लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का प्रतीक बनेगा। यह मंदिर आने वाली पीढिय़ों को आस्था श्रद्धा और संकल्प की प्रेरणा देता रहेगा। मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा। यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे। श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा। यह अनंत काल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा।
उन्होंने कहा कि कोई काम करना हो तो हम भगवान राम की ओर देखते हैं। भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए इमारतें नष्ट हो गईं, क्या कुछ नहीं हुआ, अस्तित्व मिटाने का हर प्रयास हुआ लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं। राम संस्कृति के आधार हैं। भारत की मर्यादा हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। इसी आलोक में अयोध्या में रामजन्मभूमि पर श्रीराम के भव्य और दिव्य मंदिर के लिए आज भूमि पूजन हुआ है। यहां आने से पहले मैंने हनुमानगढ़ी का दर्शन किया। राम के सब काम हनुमान ही तो करते हैं। हनुमान जी के आशीर्वाद से श्रीराम मंदिर भूमि पूजन का आयोजन शुरू हुआ। मंदिर के लिए कई सदियों तक कई पीढिय़ों ने अखंड निष्ठा से प्रयास किया। त्याग, बलिदान और संघर्षों से आज यह सपना साकार हो रहा है। सदियों से चल रहे टूटने और उठने के क्रम से राम जन्मभूमि आज मुक्त हुई है। आज का यह ऐतिहासिक पल युगों-युगों तक भारत की कीर्ति पताका लहराता रहेगा। आज का दिन सत्य, अहिंसा, आस्था, बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। गौरतलब है कि आजादी के बाद यह पहला मौका था जब देश का कोई प्रधानमंत्री रामजन्मभूमि पहुंचा हो। मोदी से पहले इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री रहते अयोध्या पहुंचे थे, लेकिन कोई भी भूमि विवाद की वजह से इस जगह पर नहीं गया था।
राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना संबोधन जय सिया राम के साथ प्रारंभ किया। उन्होंने कहा कि आज इस जय घोष की गूंज पूरे विश्व में है। सभी देशवासियों, भारत भक्तों और राम भक्तों को कोटि-कोटि बधाई। यह मेरा सौभाग्य है श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनने का अवसर दिया। आना स्वाभाविक था क्योंकि राम काज कीन्हें बिनु मोहि कहां विश्राम। भारत आज भगवान भास्कर के सामने सरयू किनारे एक नया अध्याय रच रहा है। आज पूरा भारत राममय है। हर मन दीपमय है। पूरा देश रोमांचित है हर मन दीप में है। सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है। आज पूरा भारत भावुक है।
रामलला के सामने पीएम ने किया साष्टांग प्रणाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या में भूमिपूजन से पहले हनुमानगढ़ी में पूजा की। इसके बाद रामलला मंदिर पहुंचे। उन्होंने रामलला के सामने साष्टांग प्रणाम यानी दंडवत किया। उन्होंने भगवान को फूल चढ़ाए और फिर उनकी परिक्रमा और आरती की।
नींव में रखी गईं नौ शिलाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि मंदिर की नींव में नौ शिलाएं रखीं। भूमि पूजन का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 44 मिनट पर था, लेकिन उससे पहले पूरे विधि विधान से इस महाआयोजन की शुरूआत हुई। 12 बजकर 7 मिनट पर पीएम मोदी भूमि पूजन के लिए पहुंचे। अभिजीत मुहूर्त में भूमि पूजन अनुष्ठान संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधारशिला रखी। जिस जगह पर रामलला विराजमान थे, वहीं 9 शिलाएं रखी गई थीं, जिसे सफेद कपड़े से ढंका गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर राम मंदिर निर्माण के लिए अधारशिला की पट्टिका का अनावरण किया।
अयोध्या को वैभवशाली बनाने को प्रतिबद्ध: सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का दिन हमारे लिए उमंग और उत्साह का दिन है। राम मंदिर के निर्माण कार्य को भले ही राम मंदिर ट्रस्ट करे लेकिन पूरी अवधपुरी के भौतिक विकास और सांस्कृतिक विरासतत को क्षुब्ध किए बिना इस नगरी को वैभवशाली बनाने के लिए हम सभी प्रतिबद्ध हैं। जिस अवधपुरी का एहसास कराने के लिए सदियों से प्रतीक्षा थी, उसकी पूरे दुनिया को, समस्त भारतवासियों की भावनाओं को मूर्त रूप देने का यह अवसर आज पूरा हुआ है। इस घड़ी की प्रतीक्षा में हमारी कई पीढिय़ां चली गईं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन्मभूमि परिसर में पारिजात का पौधा भी लगाया।
मर्यादा पुरूषोत्तम के दिखाए मार्ग से प्रेरणा लेंगी वर्तमान और भावी पीढिय़ां : अखिलेश
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राममंदिर निर्माण के भूमिपूजन को लेकर ट्वीट किया, लिखा जय महादेव जय सिया-राम, जय राधे-कृष्ण जय हनुमान। भगवान शिव के कल्याण, श्रीराम के अभयत्व व श्रीकृष्ण के उन्मुक्त भाव से सब परिपूर्ण रहें। आशा है वर्तमान व भविष्य की पीढिय़ां भी मर्यादा पुरूषोत्तम के दिखाए मार्ग के अनुरूप सच्चे मन से सबकी भलाई व शांति के लिए मर्यादा का पालन करेंगी।
मंदिर निर्माण का काफी कुछ श्रेय सुप्रीम कोर्ट को: मायावती
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि अयोध्या विभिन्न धर्मों की पवित्र नगरी व स्थली है लेकिन दु:ख की बात यह है कि यह स्थल राम-मन्दिर व बाबरी-मस्जिद जमीन विवाद को लेकर काफी वर्षों तक विवादों में रहा लेकिन इसका माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अन्त किया। साथ ही इसकी आड़ में राजनीति कर रही पार्टियों पर भी काफी कुछ विराम लगाया। कोर्ट के फैसले के तहत ही आज यहां राम-मंदिर निर्माण की नींव रखी जा रही है, जिसका काफी कुछ श्रेय सुप्रीम कोर्ट को ही जाता है।
देश में सदियों की आस पूरी होने का है आनंद: मोहन भागवत
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भूमि पूजन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज सदियों की आस की लहर है। आनंद का क्षण है। अनेक लोगों ने बलिदान दिए हैं और सूक्ष्म रूप में यहां उपस्थित हैं। ऐसे भी हैं जो यहां आ नहीं सकते। आडवाणी जी अपने घर में बैठकर इस कार्यक्रम को देख रहे होंगे। पूरे देश में आनंद की लहर है। सदियों की आस पूरे होने का आनंद है। भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिस आत्मविश्वास की आवश्यकता थी। जिस आत्मभान की आवश्यकता थी उस का शुभारंभ आज हो रहा है।
राम सबके साथ हैं: प्रियंका
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि आशा है वर्तमान व भविष्य की पीढिय़ां भी मर्यादा पुरूषोत्तम के दिखाए मार्ग के अनुरूप सच्चे मन से सबकी भलाई व शांति के लिए मर्यादा का पालन करेंगी। सरलता, साहस, संयम, त्याग, वचनवद्धता, दीनबंधु राम नाम का सार है। राम सबमें हैं, राम सबके साथ हैं। भगवान राम और माता सीता के संदेश और उनकी कृपा के साथ रामलला के मंदिर के भूमिपूजन का कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का अवसर बने।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button