संघ को आठ हजार शाखाओं की और जरूरत : भागवत

तीन दिन के बंगाल प्रवास पर संघ प्रमुख

नई दिल्ली। राष्टï्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत तीन दिन के बंगाल प्रवास पर पहुंच रहे हैं। संघ प्रमुख मोहन भागवत साल 2024 तक बंगाल के कोने-कोने तक संघ की शाखाओं का विस्तार करना चाहते हैं। संघ के साथ ही बंगाल में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुटी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिहाज से भी मोहन भागवत की इस यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की बड़ी जीत के बाद मोहन भागवत की ये पहली बंगाल यात्रा है। मोहन भागवत की इस बंगाल यात्रा का लक्ष्य 2024 है।

मोहन भागवत के इस तीन दिन के बंगाल प्रवास का मकसद है साल 2024 तक पश्चिम बंगाल में हर जगह संघ की शाखा स्थापित करना। आंकड़ों के मुताबिक बंगाल में इस समय करीब 2200 शाखाएं हैं। पश्चिम बंगाल के हर इलाके तक संघ की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए करीब 8000 शाखाओं की जरूरत है। संघ प्रमुख मोहन भागवत मैराथन बैठकों के बाद शाम करीब 4 बजे बंगाल के 350 प्रबुद्ध नागरिकों के साथ संवाद करेंगे। संघ प्रमुख का प्रबुद्ध नागरिकों के साथ ये संवाद वीसी के जरिए होगा। इसके लिए संघ के स्वयंसेवकों ने सूची तैयार कर ली है।

बैठकों का दौर शुरू
संघ प्रमुख मोहन भागवत की बैठकों का सिलसिला आज से शुरू हो गया है। कोलकाता में संघ के मुख्यालय केशव भवन में मोहन भागवत एक के बाद एक बैठकें करेंगे। इन बैठकों में बंगाल में संघ के सभी पदाधिकारी शामिल होंगे। इन पदाधिकारियों के साथ संघ प्रमुख की दो बैठकें होनी हैं। इन बैठकों में तीन विषयों पर चर्चा होनी है। इनमें पहली बैठक साल 2024 तक बंगाल के हर क्षेत्र में किस तरह संघ का विस्तार किया जाए, इसे लेकर चर्चा होगी।

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