कठघरे में रामजन्मभूमि ट्रस्ट, एक्शन में आरएसएस : तो भैयाजी जोशी संभालेंगे राम मंदिर निर्माण की कमान!

  • ट्रस्ट पर लगातार लग रहे करोड़ों के जमीन खरीद घोटाले के आरोप
  • विपक्ष उठा चुका है सवाल, संत भी कर चुके हैं जांच की मांग
  • संघ की विधान सभा चुनाव पर है नजर विवाद पर लगाना चाहता है विराम

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीद घोटाले के सिलसिलेवार खुलासे के बाद जहां रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कठघरे में है वहीं संत समाज और विपक्ष इस मामले की लगातार जांच कराने की मांग कर रहा है। इन विवादों पर विराम लगाने के लिए अब आरएसएस सक्रिय हो गया है। वह जल्द ही मंदिर निर्माण प्रोजेक्ट की कमान अपने हाथ में ले सकता है। माना जा रहा है कि इसकी जिम्मेदारी आरएसएस के पूर्व सहकार्यवाह भैयाजी जोशी को सौंपी जा सकती है। दूसरी ओर विपक्ष का कहना है कि सरकार इस मामले की जांच से क्यों कतरा रही है। आखिर भ्रष्टïाचारियों को सजा क्यों नहीं दी जा रही है।

एक ओर अयोध्या में जारी राम मंदिर के निर्माण पर हर किसी की नजर है वहीं दूसरी ओर जमीन खरीद से जुड़े विवाद के कारण राम मंदिर ट्रस्ट पर सवालिया निशान लग गए हैं। विवाद के बीच अब राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ (आरएसएस) सक्रिय हो गया है और इसकी जिम्मेदारी बदलने की तैयारी में है। संघ नहीं चाहता है कि इस विवाद का असर आने वाले विधान सभा चुनाव पर पड़े। यही वजह है कि मौजूदा सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले भी चुनावों तक प्रदेश में प्रवास करेंगे। संघ भैयाजी जोशी को यह जिम्मेदारी मंदिर के लिए जमीन खरीद से जुड़े विवाद के बाद सौंपने की तैयारी में है। हालांकि, संघ के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि जमीन खरीद में कोई घोटाला नहीं हुआ है, लेकिन इस प्रकार के आरोप उसकी चिंता बढ़ा रहे रहे हैं। संघ चाहता है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के मंदिर निर्माण से जुड़ी परियोजना में किसी तरह का संदेह न रहे। गौरतलब है कि राम मंदिर से जुड़ी जमीन खरीद में घोटाले की बात सामने आई थी, जिसके बाद आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी ने इसे एक बड़ा मुद्दा बनाया था। आरोप लगा था कि ट्रस्ट ने एक जमीन साढ़े 18 करोड़ रुपये में खरीदी थी जबकि उसकी कीमत 2 करोड़ रुपये थी। इसी प्रकार के अन्य जमीन खरीद में गड़बड़ी के मामले सामने आ चुके हैं। विपक्ष के अलावा निर्वाणी अखाड़ा के महंत धर्मदास समेत कई संतों ने जमीन घोटाले की केंद्र सरकार से जांच कराने की मांग की है।

फिलहाल ट्रस्ट देख रहा निर्माण कार्य

औपचारिक तौर पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट देख रहा है, जिसके सचिव चंपत राय हैं। राय को विश्व हिन्दू परिषद से ट्रस्ट में मनोनीत किया गया है। अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए अभी तक 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम इकट्ठा हुई हैं। अनुमान है कि पूरी अयोध्या को विकसित करने के लिए इस प्रोजेक्ट पर करीब 10,000 करोड़ खर्च किए जाएंगें। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर निर्माण पूर्ण करने की योजना है।

 

तो क्या आरएसएस भी मान रहा है कि भाजपा वाले और ट्रस्ट भ्रष्ट है? राम मंदिर निर्माण के केयरटेकर बनेंगे भैया जी जोशी लेकिन क्या इसकी कोई कानूनी वैधता है? आखिर जांच क्यों नही हो रही है? जेल कब जाएंगे भ्रष्टाचारी?

संजय सिंह, सांसद आप

अगर मंदिर निर्माण की जिम्मेदारी ट्रस्ट से हटाकर भैयाजी जोशी को दी जा रही है तो साफ है कि कहीं न कहीं धांधलेबाजी हुई है। इससे ट्रस्ट की पारदर्शिता पर उंगली उठ रही है और लगाए गए आरोप सही साबित हो रहे हैं।

पवन पांडेय, पूर्व विधायक, सपा

मंदिर जमीन घोटाले में हर बार ट्रस्ट ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। चंदा चोरी के मामले में जो भी दोषी हैं, उन्हें ट्रस्ट से बाहर किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ऐसे व्यक्ति को जिम्मेदारी दी जाए जिस पर सभी की सहमति हो।

अंशु अवस्थी, प्रवक्ता, कांग्रेस

ट्रस्ट पर लगे आरोपों की सरकार निष्पक्ष जांच कराए। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जनता जानना चाहती है कि इस मामले में दोषी कौन है।

अनिल दुबे, राष्टï्रीय प्रवक्ता, आरएलडी

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