बेवजह बच्चों को न डांटे

च्चों का कभी-कभार जिद करना, नखरे दिखाना और बात न मानना सामान्य है। पर जब वे यही सब करने लगते हैं तो इस तरह के बर्ताव उनकी आदतों में शामिल हो जाते हैं। बच्चों का यह रवैया उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से बहुत हानि पहुंचाता है। अपनी बात मनवाने के लिए वे इस तरह के हथकंडे अपनाने लगते हैं कि माता-पिता को मजबूर होकर उनकी जिद पूरी करनी पड़ती है। बच्चों की इस आदत को कैसे बदलें और उनमें अच्छी आदतें कैसे विकसित करें, हर अभिभावक के लिए यह जानना बेहद जरूरी है।

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