त्रिपुरा और मिजोरम को मिले नए राज्यपाल

नई दिल्ली। त्रिपुरा और मिजोरम में केंद्र सरकार की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति ने नए राज्यपालों की नियुक्ति की है। आंध्र प्रदेश भाजपा नेता हरि बाबू कंभमपति अब मिजोरम के राज्यपाल होंगे और हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य अब त्रिपुरा के राज्यपाल होंगे।
केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार से पहले राष्ट्रपति द्वारा 8 राज्यों में नए राज्यपालों की नियुक्ति की गई है। नई नियुक्तियों के बारे में राष्ट्रपति भवन ने जानकारी दी है। आंध्र प्रदेश के भाजपा नेता हरि बाबू कंभमपति को मिजोरम का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। इसके साथ ही गुजरात भाजपा नेता मंगूभाई छगनभाई पटेल मध्य प्रदेश के राज्यपाल होंगे।
गोवा भाजपा नेता राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के रूप में भेजा जा रहा है। पूर्वोत्तर राज्यों में भाजपा के दो पुराने नेताओं को राज्यपाल पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें त्रिपुरा के नए राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य और मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंबापति के नाम शामिल हैं।
सत्यदेव नारायण आर्य त्रिपुरा के नए राज्यपाल बने, अब तक हरियाणा के राज्यपाल हैं। आर्य का अब हरियाणा से त्रिपुरा तबादला हो गया है। बिहार से संबंध रखने वाले सत्यदेव नारायण आर्य पूर्व में 8 बार राजगीर से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा वह बिहार सरकार में ग्रामीण विकास एवं खान विभाग मंत्री रह चुके हैं। सत्यदेव नारायण आर्य पटना विश्वविद्यालय से पढ़े हैं और लगभग 6 दशक से आरएसएस से जुड़े हुए हैं। सत्यदेव नारायण आर्य को वर्ष 2018 में हरियाणा का राज्यपाल बनाया गया था।
मिजोरम के राज्यपाल बने हरि बाबू काम्बोपति आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम के रहने वाले हैं। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के करीबी सहयोगी हरि बाबू ने आंध्र राज्य के गठन के लिए आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया है। वह 2014 में विशाखापट्टनम से लोकसभा सांसद बने थे और अब उन्हें मिजोरम का राज्यपाल बनाया गया है। आंध्रा यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़ाई करने वाले हरि बाबू उन राजनेताओं में से एक हैं, जो छात्र राजनीति से बाहर आए थे। वह भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित आंध्र में विभिन्न पदों पर रहे हैं।
केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री रहे थावरचंद गहलोत सरकार से बाहर हो चुके हैं। गहलोत को अब कर्नाटक का नया राज्यपाल बनाया गया है। मध्य प्रदेश से आते हुए गहलोत 2014 से केंद्र सरकार में मंत्री थे। गहलोत की यह तैनाती ऐसे समय में हुई है जब 7 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिपरिषद का विस्तार होना है। माना जा रहा है कि इस विस्तार में चुनावी राज्यों के चेहरों को प्राथमिकता दी जा सकती है। साथ ही कई मंत्रियों को भी हटाया जा सकता है।

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