बंद स्कूलों में सामान के नाम पर करोड़ों का गोलमाल

  • यह कैसी ईमानदार सरकार, एक और करोड़ों का घोटाला आया सामने
  • कस्तूरबा विद्यालयों के बंद होने के दौरान किया गया फर्जीवाड़ा, खुलासे के बाद मचा हड़कंप
  • पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को भी नहीं छोड़ा घोटालेबाज अफसरों ने
  • विपक्ष बोला, आपदा काल में भी घोटाला करने से पीछे नहीं अधिकारी और बेसिक शिक्षा मंत्री

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। एक ओर यूपी में कोरोना महामारी से कोहराम मचा है वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार के अफसर घोटालों में व्यस्त हंै। एक के बाद एक घोटाले सामने आ रहे हैं। अफसरों ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में छात्राओं के भोजन आदि के मद से नौ करोड़ निकाल लिए। यह फर्जीवाड़ा तब किया गया जब स्कूल बंद होने के कारण छात्राएं विद्यालय में मौजूद नहीं थी। घोटाले के खुलासे के बाद विपक्ष बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी और योगी सरकार पर हमलावर है। विपक्ष ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि प्रदेश में भ्रष्टïाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति कहां है? कोरोना काल में उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय बंद हैं लेकिन अफसरों ने इस आपदा में भी अवसर निकाल लिया। प्रदेश के 18 जिलों के कस्तूरबा विद्यालयों में छात्राएं आईं नहीं और उनके भोजन आदि के नाम पर नौ करोड़ निकाल लिए गए। गौरतलब है कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई होती है। यह पूरी तरह से आवासीय विद्यालय है। छात्राएं विद्यालय में रहती हैं और उनके भोजन, स्टेशनरी, साबुन, तेल व अन्य जरूरी सामान के लिए शासन स्तर से बजट दिया जाता है। कोरोना काल के चलते विद्यालय बंद हैं और छात्राएं अपने घर हैं। 11 फरवरी से लेकर 31 मार्च के बीच में छात्राओं के भोजन, सामान व अन्य मद में प्रदेश के 18 जिलों में नौ करोड़ रुपये निकाल लिए गए। मामला प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड सूचना से खुला। प्रेरणा पोर्टल पर छात्राओं की विद्यालयों में उपस्थिति की सूचना शून्य दर्शाया गया है। हैरानी की बात यह है कि पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी जमकर घोटाला किया गया। घोटाले के खुलासे के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरा है और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। साथ ही पूछा है कि क्या बेसिक शिक्षा मंत्री के खिलाफ योगी सरकार कोई कार्रवाई करेगी।

इन जिलों में निकाली गई है रकम

बरेली-84 लाख, बिजनौर में 74 लाख, देवरिया में 68 लाख, फतेहपुर में 31 लाख, गाजियाबाद में 18 लाख, गोंडा में 96 लाख, कांशीराम नगर में 31 लाख, मऊ में 23 लाख, मेरठ में 26 लाख, मुरादाबाद में 39 लाख, प्रतापगढ़ में 76 लाख, रायबरेली में 63 लाख, संतकबीरनगर में 38 लाख, श्रावस्ती में 26 लाख, सोनभद्र में 26 लाख, सुल्तानपुर में 44 लाख, उन्नाव में 47 लाख, वाराणसी में 37 लाख रुपये निकाले गए।

 

इन जिलों के बीएसए से जवाब मांगा गया है कि प्रेरणा पोर्टल पर छात्राओं की उपस्थिति न होने के बावजूद भोजन मद, मेडिकल केयर, कंटीजेंसी मद एवं स्टेशनरी मद में शत-प्रतिशत धनराशि का भुगतान क्यों किया गया। यह वित्तीय अनियमितता में आता है।

विजय किरण आनंद, राज्य परियोजना निदेशक

कोरोना काल में जब लोग अपनों की जान बचाने में लगे हैं तब प्रदेश सरकार के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की बच्चियों के भोजन का पैसा लूट लिया गया। ये विद्यालय बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी के अधीन है। क्या भ्रष्टïाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति की दुहाई देने वाले सीएम अपने मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे?

संजय सिंह, सांसद, आप

यह सरकार भ्रष्टïाचार में गले तक डूबी है। इसके पहले पूरे प्रदेश में कंपोजिट ग्रांट की लूट हुई थी। सपा ने इसका खुलासा किया था। सरकार खुद घोटाला करने वालों को संरक्षण दे रही है। जीरो टॉलरेंस की नीति महज एक जुमला है। सरकार को इस मामले पर जनता को जवाब देना होगा।

सुनील सिंह साजन, एमएलसी, सपा

यूपी सरकार का एक और भ्रष्टïाचार सामने आया है। भदोही में ऑक्सीजन सिलेंडर घोटाले के बाद प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में बच्चियों के भोजन आदि में नौ करोड़ का घोटाला किया गया। इस मामले में उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। सरकार हर मोर्चे पर फेल हो चुकी है।

अनिल दूबे, राष्टï्रीय सचिव, आरएलडी

अधिकारियों व अफसरों को सरकार का संरक्षण है। यही वजह है कि रोज घोटाले पर घोटाले हो रहे हैं। स्कूल बंद होने के बावूजद नौ करोड़ फर्जी तरीके से डकार लिए गए और सरकार केवल नोटिस-नोटिस खेल रही है। दरअसल, भ्रष्टïाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति महज छलावा है।

शुचि विश्वास श्रीवास्तव, प्रवक्ता, कांग्रेस

बेसिक शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने को लेकर डिजिटल धरना

लखनऊ। कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री सतीश द्विवेदी को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू डिजिटल धरने पर बैठे। प्रदेश अध्यक्ष के साथ कांग्रेस के कार्यकर्ता व पदाधिकारी भी धरने पर बैठे।

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