अमीनाबाद के गड़बड़झाला में दुकानों में आग

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। अमीनाबाद के गड़बड़झाला बाजार में स्थित दुकानों से आज सुबह-सुबह छह बजे के करीब धुंआ और आग की लपटें निकलते देख लोगों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। घटना की जानकारी आनन फानन में दमकल को दी गई। दमकल कर्मियों ने आधा दर्जन से अधिक गाड़ियों की मदद से करीब तीन घंटे में आग पर काबू पाया। आग की चपेट में आने से एक प्लास्टिक की दुकान-गोदाम, दो ज्वैलरी समेत चार दुकानें जल गईं। अतिव्यस्त अमीनाबाद की गड़बड़झाला मार्केट में संजीव जैन की जैन प्लास्टिक के नाम से दुकान है। उनके पड़ोस में ही फहद की गोल्ड पैलेस के नाम से ज्वैलरी की दुकान है। आज सुबह दोनों दुकानों से भीषण धुंआ और आग की लपटें निकलती देख आस पड़ोस के लोग दौड़े। उन्होंने पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास किया और पुलिस व दमकल को सूचना दी। उधर, सीतापुर रोड स्थित एक बस्ती में आज अचानक अज्ञात कारणों से आग लग गई। इस अग्निकांड में एक दर्जन से ज्यादा घर जलकर खाक हो गए। अस्थायी घरों में रखा गृहस्ती का सामान भी आग की भेंट चढ़ गया। सूचना पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। आग लगने के सही कारणों का अब तक पता नहीं चल सका है। पीड़ित सुनील ने बताया कि जब तक लोग आग बुझाने की कोशिश करते तब तक आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। कई घर जलकर सारा सामान राख हो गया।

सांसद और विधायकों के फोन नहीं उठाते अफसर
  • फोन रिसीव करने को लेकर शासन ने जारी किए निर्देश
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। प्रदेश के तमाम अफसर सांसदों व विधायकों के फोन नहीं रिसीव कर रहे हैं। माननीयों के शिकायत पर जब उनसे स्पष्टïीकरण मांगा जाता है तो वे मोबाइल में उनका नंबर सेव नहीं होने आदि का बहाना बना देते हैं। शासन को सांसदों और विधायकों से लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं, जिस पर सभी वरिष्ठ अफसरों को पत्र लिखकर निर्देश जारी किए गए हैं। प्रमुख सचिव, संसदीय कार्य जेपी सिंह ने सभी वरिष्ठ अफसरों को ये पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि फोन रिसीव न करने की शासन को लगातार शिकायतें मिल रही हैं। कई अफसर ऐसे हैं, जो सांसद और विधायकों के फोन रिसीव नहीं कर रहे। बाद में ये अफसर मोबाइल में नम्बर सेव न होने का बहाना बनाते हैं। निर्देशों में प्रमुख सचिव ने कहा अफसर सभी सांसदों और विधायकों का नम्बर मोबाइल में सेव रखें। उनके फोन रिसीव करें, यही नहीं उनके सुझाव और अनुरोध पर प्राथमिकता से कार्यवाही करें।

आंगनबाड़ी में दस साल बाद होगी भर्ती

  • यूपी में भरे जाएंगे आंगनबाड़ी के 53 हजार रिक्त पद
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी व मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। प्रदेश में इस समय इन तीनों श्रेणी के करीब 53 हजार पद खाली हैं। राज्य में आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया करीब 10 साल बाद शुरू होने जा रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश में रहने वाले पुरुष और महिला उम्मीदवारों से आवेदन मांगे जाएंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भर्ती के लिए तीन दिनों में जिलेवार विज्ञापन जारी करने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले विभागीय वेबसाइट पर जिलेवार रिक्तियों का ब्यौरा ऑनलाइन फीड किया जाएगा। भर्ती के आवेदन पत्र ऑनलाइन भरे जाएंगे। चयन प्रक्रिया पूरी करने के लिए 45 दिनों की समय सीमा निर्धारित की गई है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशक डॉ. सारिका मोहन ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर भर्ती की समय सारणी तय कर दी है। आदेश के मुताबिक एनआइसी द्वारा विकसित वेबसाइट पर अगले तीन दिनों में रिक्त पदों का ब्यौरा फीड कर जिलेवार विज्ञापन जारी किए जाने की बात कही गई है। ऑनलाइन आवेदन पत्र भरने की अंतिम तिथि विज्ञापन जारी होने की तिथि से 21 दिन रखी गई है। साथ ही पूरी प्रक्रिया निस्तारित करने के लिए 45 दिनों से अधिक समय न लगने के निर्देश दिए गए हैं।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज की धर्मांतरण अध्यादेश को चुनौती देने वाली याचिकाएं

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी खबर है। हाईकोर्ट ने धर्मांतरण के खिलाफ अध्यादेश को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी है। बदायूं के वकील सौरव कुमार सहित कई अन्य ने ये याचिकाएं दाखिल की थीं। याचिकाओं में सियासी फायदे के लिए अध्यादेश लाने का आरोप लगाया गया था। ये भी आरोप लगाया गया था कि अध्यादेश के जरिए एक वर्ग विशेष को निशाना बनाया जा रहा है। गौरतलब है कि यूपी सरकार इससे पहले 5 जनवरी को अपना जवाब कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। 102 पन्नों के जवाब में यूपी सरकार की ओर से अध्यादेश को जरूरी बताया गया है। राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि कई जगहों पर धर्मान्तरण की घटनाओं को लेकर कानून व्यवस्था के लिए खतरा पैदा हो गया था। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस तरह का अध्यादेश लाया जाना बेहद जरूरी था। सरकार के मुताबिक धर्मांतरण अध्यादेश से महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा और उनका उत्पीड़न नहीं हो सकेगा।

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