नूपुर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पूरे देश को संदेश

4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। पैगंबर पर विवादित बयान देने के लिए नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा आपके बयान से देश में अशांति फैली। देश में जो कुछ भी हो रहा है, उसकी जिम्मेदार नुपुर शर्मा ही है। नूपुर टीवी पर आकर देश से माफी मांगे। इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार सतीश के सिंह, तुलसीदास भोइटे, समीरात्मज मिश्र, अजय शुक्ला, डॉ. लक्ष्मण यादव और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
समीरात्मज मिश्र ने कहा जो चीज हम सब समझ रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट भी वहीं समझ रहा है। फेक अकाउंट व रिट्वीट वाले को दिल्ली पुलिस पकड़ रही मगर नूपुर शर्मा के विवादित बयान से भी उनकी गिरफ्तारी नहीं। तुलसीदास ने कहा, किसी दल का प्रवक्ता होने का ये मतलब नहीं कि आपको कुछ भी बोलने का लाइसेंस मिला है। टीवी के पत्रकारों में टीआरपी के लिए झगडऩा बड़ी बात नहीं पर सीमा नहीं लांघना चाहिए। अगर कोई पत्रकारिता के नाम ऐसा करता है तो उस पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।
डॉ. लक्ष्मण यादव ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया, ऐसा लग रहा बहुत ही अप्रत्याशित है क्योंकि कोर्ट पर लोगों को जो भरोसा था, वह दरकता जा रहा था। जब जरूरत थी न्यायपालिका की, तब वहां खामोश रहीं। मगर इस प्रकरण में शीर्ष अदालत ने सही फैसला सुनाया। सतीश के सिंह ने कहा ये जो पूरा माहौल बना है ना, उसके लिए पूरा देश जिम्मेदार है। उसका निर्माण किया गया, बढ़ावा दिया गया और बहुत सारी चीजें बोली नहीं जा सकती। टीआरपी पहले भी थी, ये बहुत छोटी चीज हैं। वो माहौल बहुत बिगड़ चुका है। देश में अब न चेक है न ही बैलेंस। कोर्ट का ये संदेश सबके लिए है, नूपुर शर्मा के लिए ही नहीं।
अजय शुक्ला ने कहा, क्या सुप्रीम कोर्ट की भूमिका कम है? ये भी सवाल है। अब तक सुप्रीम कोर्ट कहा था, मौन क्यूं साधे था। जब देश में आग लग रही थी तब बोलना चाहिए। महाराष्टï्र मामले में भद्ïद पिट चुकी तो आप अब दिल्ली पुलिस को डायरेक्ïशन देते। अब जो सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वो सिर्फ अखबारों के लिए सुर्खियां बनेगी।

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