टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लें अधिकारी और डॉक्टर : राज्यपाल

  •  औरैया ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश को टीबी मुक्त करना है

लखनऊ। देश को वर्ष 2024 तक टीबी से मुक्त किए जाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा टीबी से ग्रसित बच्चों को चिह्नित कर इन्हें प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर और एनजीओ गोद लें। इससे बच्चों की शिक्षा और पालन-पोषण सुनिश्चित हो सकेगा। राज्यपाल ने औरैया में आयोजित एक कार्यक्रम में टीबी के मरीजों से मुलाकात की। स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं से नारी सशक्तीकरण पर बातचीत भी की। राज्यपाल ने टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लेने के विषय में सीएमओ डा. अर्चना श्रीवास्तव से जानकारी ली। सीएमओ ने बताया कि एक अप्रैल 2021 से 27 जुलाई 2021 तक कुल 61 टीबी से ग्रसित बच्चों को गोद लिया गया है। इसमें जायंट्स ग्रुप आफ औरैया ने 20, संवेदना ग्रुप औरैया ने 10, आईएमए ने पांच और जिलास्तरीय अधिकारियों ने 26 बच्चे गोद लिए हैं। इस पर राज्यपाल ने कहा, जिले में अभियान चलाकर टीबी से ग्रसित बच्चों को चिह्नित किया जाए। अधिकारी, डाक्टर, एनजीओ और गेल-एनटीपीसी जैसी बड़ी-बड़ी कंपनियों इन बच्चों को गोद लें। औरैया ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश को पूरी तरह टीबी मुक्त करना है। जिस तरह से देश को पोलियो मुक्त किया गया, वैसे ही टीबी से मुक्त किया जाए।

जैविक खेती के बारे में किसानों को दी जानकारी

राज्यपाल ने किसानों की आय दोगुनी करने को लेकर कृषि उत्पादन संगठनों से बात की। उन्होंने कहा कि जो किसान जैविक खेती के उत्पाद तैयार करते हैं, उन्हें मंडी में उचित स्थान दिया जाए ताकि वे अपना उत्पाद अधिक से अधिक ग्राहकों को बेच सकें। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूह के स्टालों का अवलोकन किया। कार्यक्रम के बाद पांच बच्चियों आशी, अनुष्का, साक्षी, यशा, वंशिका को पोषण किट वितरित की। आयुष्मान योजना के दो लाभार्थियों मिश्रीपुर की सुमन और देहगांव के अशोक को गोल्डन कार्ड दिया।

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