हिजाब विवाद पर तुरंत सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

  • शीर्ष अदालत बोली, हाईकोर्ट में मामला है लंबित

नई दिल्ली। कर्नाटक का हिजाब मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एक याचिका में इस मामले की सुनवाई को हाईकोर्ट से ट्रांसफर करवा कर सुप्रीम कोर्ट से इस पर तुरंत सुनवाई की मांग की गई थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को ठुकराते हुए याचिकाकर्ता को कहा है कि ये मामला फिलहाल हाईकोर्ट में लंबित है, इसलिए इस पर सुनवाई नहीं की जा सकती है। कोर्ट ने ये भी कहा है कि आज इस मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसी सूरत में इस मामले को यहां क्यों उठाया गया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में आगे सुनवाई की तारीख देने से भी इनकार कर दिया है।

बता दें कि इस मामले की सुनवाई के लिए कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ऋ तुराज अवस्थी ने तीन न्यायाधीशों की पूर्ण पीठ गठित की थी। इस पीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति एस दीक्षित और न्यायमूर्ति खाजी जैबुन्नीसा मोहिउद्दीन शामिल हैं। बता दें कि ये विवाद इस वर्ष जनवरी मे कर्नाटक के उडुपी और चिक्कमंगलुरु से शुरू हुआ था। उस वक्त कुछ शिक्षण संस्थाओं में छात्राएं हिजाब पहनकर आई थीं, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा था। इसके बाद राज्य के कुंडापुर और बिंदूर में भी इसी तरह से कुछ छात्राओं के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनकर आने से ये मामला काफी बढ़ गया था।

केंद्र सरकार ने भी संसद में माना- तीन साल में नौ हजार लोगों ने बेरोजगारी के कारण आत्महत्या की

 साल 2020 में 5213 लोगों ने कर्ज के कारण सुसाइड कर लिया

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने संसद में आत्महत्याओं से जुड़े आकड़ों को साझा किया। सरकार ने राज्यसभा को सूचित किया कि 2018 से 2020 के बीच 16000 से अधिक लोगों ने दिवालियेपन या कर्ज के कारण आत्महत्या की, जबकि 9,140 लोगों ने बेरोजगारी के कारण अपना जीवन समाप्त कर लिया। सदन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि 2020 में 5,213 लोगों ने दिवालियेपन या कर्ज के कारण आत्महत्या की, 2019 में 5,908 और 2018 में 4,970 लोगों ने आत्महत्या की है। उन्होंने कहा कि 2020 में बेरोजगारी के कारण कुल 3,548, 2019 में 2,851 और 2018 में 2,741 लोगों ने आत्महत्या की है। मंत्री ने आगे कहा कि सरकार राष्टï्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम को लागू कर रही है और देश के 692 जिलों में एनएमएचपी के तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यान्वयन का समर्थन कर रही है जो आत्महत्या रोकथाम सेवाएं प्रदान करता है।

मंत्री ने कहा कि सरकार ने बेरोजगारी कम करने के लिए सामाजिक सुरक्षा लाभ और बेरोजगारी की बहाली के साथ-साथ नए रोजगार के सृजन के लिए नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू की है। साथ ही कहा कि नौकरी चाहने वालों और नियोक्ताओं के लिए नौकरी के मिलान के लिए राष्टï्रीय कैरियर सेवा (एनसीएस) परियोजना शुरू की गई है। राय ने बताया कि भारत की विनिर्माण क्षमताओं और निर्यात को बढ़ाने के लिए प्रमुख क्षेत्रों में उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना भी रोजगार के अवसर पैदा करेगी।

Related Articles

Back to top button