तेज बोलने वालों से कोरोना संक्रमण का ज्यादा खतरा, दूरी ही बचाव का रास्ता

तेज बोलने से लार की अतिसूक्ष्म बूंदे फैलती है दो मीटर तक
बीमार होने पर तुरंत डॉक्टर से करें सलाह-मशविरा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। देश में कोरोना संक्रमण की स्पीड पर ब्रेक नहीं लग पा रही है। इसकी बड़ी वजह लोगों का लापरवाही बरतना हैं। दो गज की दूरी का पालन सही ढंग से नहीं किया जा रहा है। वहीं केजीएमयू के डॉक्टरों ने संक्रमण बढऩे की एक बड़ी वजह और बताई है। डॉक्टरों के मुताबिक तेज आवाज में बोलने वाले लोग भी कोरोना वायरस के संक्रमण को तेजी से बढ़ा रहे हैं।
केजीएमयू के विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है जो लोग तेज बोलते है या अपनी बात तेज आवाज में बताना चाहते है, उनके मुंह से लार की अतिसूक्ष्म बूंदे ज्यादा गिरती हैं। ये बूंदे कई गुना खतरनाक हैं। इससे कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा है। केजीएमयू के डॉ. सुनील कुमार के अनुसार आईसीएमआर की गाइडलाइंस में इन बातों को कहा गया है कि जो लोग अधिक तेजी के साथ बोलते हैं उनके मुंह से लार की अतिसूक्ष्म बूंदे कई गुना तेजी के साथ निकलती हैं। ऐसे में उन बूंदों के साथ वायरस बाहर निकलता है, जिससे इंसान में कोरोना स्प्रेड का खतरा दोगुनी तेजी के साथ बढ़ जाता है। मेडिसिन विभाग के डॉ. सुधीर वर्मा के अनुसार तेज बोलने, खांसने आदि से ऐरोसॉल के कण दो मीटर की दूरी तक जाते हैं, जिससे संपर्क में आए लोगों में कोरोना संक्रमण फैल सकता है।
डॉ सुधीर ने कहा कि इनसे बचने के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। मास्क लगाने से बोलते, छींकते, हंसते समय लार की बूंदे मास्क में ही रह जाती हैं, जिससे इन कणों को दूसरे व्यक्ति में प्रवेश नहीं मिलता। इसके अलावा यदि खांसी, जुकाम हो तो नाक को छूने से बचना चाहिए। बुखार या खांसी होने पर मेडिकल स्टोर से दवा न लेकर चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए। यदि डॉक्टर कोरोना जांच कराने को कहता है तो तुरंत परीक्षण कराना चाहिए। गौरतलब है कि बदलते मौसम में कोरोना, फ्लू आदि की समस्या एक साथ हो रही है, जिससे पता कर पाना मुश्किल है कि बुखार या सर्दी, खांसी किस बीमारी के लक्षण हैं इसलिए बीमार होने पर डॉक्टर से सलाह-मशविरा करें और उसके मुताबिक काम करें।

80 फीसदी मरीज एसिम्टोमैटिक

जिन लोगों में कोविड-19 के संक्रमण प्रवेश कर चुके हैं लेकिन इसके लक्षण दिखाई नहीं देते यानी उन्हें बुखार, सर्दी, खांसी जैसे लक्षण नजर नहीं आते। ऐसे लोगों को एसिमटोमैटिक कहते हैं। केजीएमयू के पल्मोनरी एन्ड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. वेद प्रकाश के अनुसार जोर से हंसने, बोलने, चीखने या चिल्लाने वाले लोगों से कोरोना वायरस फैलने का खतरा बना रहता है।

चेन ब्रेक करने में नाकाम विभाग

राजधानी में कोरोना भयावह हो गया है। मरीजों की संख्या हर रोज डेढ़ सौ पार कर रही है। स्वास्थ्य विभाग चेन ब्रेक करने में नाकाम हो रहा है। बीते तीन दिनों में राजधानी लखनऊ में 561 संक्रमित मिले हैं। वहीं अयोध्या में कोरोना बम फूटा है। मंगलवार को एक दिन में 30 कोरोना संक्रमित पाए गए हैं।

ऐसी बढ़ेगी शरीर की प्रतिरोधक क्षमता

मौसमी फल और ताजी हरी सब्जियों के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। राजधानी के डॉक्टर बताते हैं कि खानपान और अच्छी दिनचर्या से ही हम अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकते हैं। मौसमी फल, सब्जी, नींबू के अलावा रसोई में बहुत सी चीजें उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से हर कोई शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकता है। चना, मूंग, अरहर समेत सभी दाल खायें। अंकुरित चना, मूंग, सोयाबीन और मोठ भी ले सकते हैं। इसके अलावा काढ़े का सेवन करें।

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