टीएलपी से सहमी पाकिस्तान की सरकार, डाल दिए हथियार

नई दिल्ली। पाकिस्तान के बड़बोले प्रधानमंत्री इमरान खान आखिरकार एक कट्टरपंथी संगठन के आगे झुक ही गए. पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान में हिंसा का माहौल बना हुआ था. जिसे रोकने में पाकिसतान की सरकार असफल साबित हुई. अपनी इस असफलता को छुपाने के लिए उसने एक कट्टïरपंथी संगठन के साथ गुप्त समझौता कर लिया है. ताकि वह दुनिया के सामने और अधिक बेइज्ज होने से बच सके. असल में इस समझौते के तहत पाकिस्तान की सरकार टीएलपी के हिरासत में लिए गए सभी कार्यकर्ताओं को रिहा कर देगी साथ ही उसने टीएलपी से कहा कि वह देश भर में जारी अपने हिंसक प्रदर्शनों को विराम दे. खुद पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने भी अब इस बात की पुष्टिï की है कि टीएलपी के गिरफ्तार किए गए कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया गया है और उन पर अब किसी भी प्रकार का मुकदमा भी नहीं चलाया जाएगा.
इस पूरे विवाद की जड़ असल में फ्रांस में जुड़ी हुई हैं. वहां के राष्टï्रपति इमैनुअल मैक्रों कक्षा में पैंगबर कार्टून दिखाने को अभिव्यक्ति की आजादी का दर्जा दिया था. जिसके बाद टीएलपी ने खुलकर उनके इस बयान का विरोध किया और पाकिस्तान से फ्रांस के राजदूत को तुरंत निष्कासित करने की मांग की थी. टीलएपी की इस मांग के समर्थन में पाकिस्तान में प्रदर्शन शुरू हो गए और हिंसा भडक़ गई. जिसके बाद पाकिस्तानी सरकार ने इस मामले में संगठन के चीफ साद रिजवी को गिरफ्तार कर लिया था साथ ही उनके कई समर्थकों को भी बंद कर दिया गया था.
साद रिजवी के गिरफ्तार होने के बाद प्रदर्शन का दौर ओर तेज हो गया. टीएलपी समर्थकों ने पूरे पाकिस्तान में प्रदर्शन व हंगामा करना शुरू कर दिया. बीतते वक्त के साथ यह प्रदर्शन हिंसक होता गया जिसमें 11 पुलिस वालों और दस टीएलपी समर्थकों सहित 21 लोगों की मौत हो गई. इसके बाद इमरान सरकार बैकफुट पर आ गई और उसने टीएलपी के 350 समर्थकों को रिहा कर दिया और अब नौ सौ के करीब कार्यकर्ताओं को रिहा कर दिया है.
भले ही बैकफुट पर आई इमरान की सरकार ने टीएलपी समर्थकों की बड़ी संख्या में रिहाई कर दी हो. लेकिन पाकिस्तान में शांति हो जाए इस बात की उम्मीद कम ही है.क्यों कि टीएलपी के प्रतिनिधि मंडल और पाकिस्तान की सरकार के बीच भले ही बातची हुई हो और पाकिस्तान की सरकार उनके नौ सेो समर्थकों को छोड़ रही हो लेकिन संगठन के नेता प्रतिनिधि मंडल का हिस्सा रहे मौलवी मुनीबुर रहमान का कहना है अब उनका प्रदर्शन लाहौर से भी दूर वजीराबाद में होगा लेकिन उनका यह प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब टीएलपी का एक भी कार्यकर्ता हिरासत में रहेगा.

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