निलंबित सांसदों का धरना खत्म, विपक्ष ने सत्र के बहिष्कार का किया ऐलान

  • निलंबन वापसी और कृषि विधेयकों में बदलाव की रखी मांग
  • राज्य सभा से किया वॉकआउट, गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राज्य सभा में हंगामे के कारण निलंबित आठ सासंदों ने आज अपना धरना खत्म कर दिया है। साथ ही कृषि विधेयकों और सांसदों के निलंबन के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने बचे मानसून सत्र के बहिष्कार का फैसला किया है। विपक्ष के आठ सांसदों के निलंबन को लेकर कांग्रेस ने राज्यसभा का वॉकआउट किया और गांधी प्रतिमा के सामने आकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी, एनसीपी, डीएमके, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, राजद समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने संसद के बचे हुए सत्र के बहिष्कार का ऐलान किया है।
आज सुबह जैसे ही राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई, कांग्रेस ने यह मसला उठाया। कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब तक हमारे सांसदों के संस्पेंशन को वापस नहीं लिया जाता और कृषि बिलों से संबंधित हमारी मांगों को नहीं माना जाता विपक्ष सत्र से बायकॉट करती है। इसके बाद सपा, राकांपा और राजद के सदस्य भी सदन से बाहर चले गए। सभापति एम वेंकैया नायडू ने विपक्षी दलों के सदस्यों से सदन की कार्यवाही के बहिष्कार के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और चर्चा में भाग लेने की अपील की। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार निलंबित सांसदों को सदन से बाहर रखने को लेकर जिद पर नहीं है। अगर वे सदस्य खेद व्यक्त करते हैं तो सरकार इस पर गौर करेगी। पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने कहा कि सदन की कार्यवाही चलाने के लिए सरकार और विपक्ष को एक साथ बैठकर फैसला करना चाहिए। इससे पहले विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विपक्ष आठ सदस्यों का निलंबन रद्द होने तक सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करेगा। गौरतलब है कि रविवार को राज्य सभा में अमर्यादित आचरण को लेकर सभापति वेंकैया नायडू ने तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस के राजीव सातव, रिपुन बोरा, नासिर हुसैन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, के.के. रागेश और माकपा के ई. करीम को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है। इसके विरोध में सभी सांसद, गांधी प्रतिमा के पास धरने पर थे और पूरी रात संसद परिसर में गुजार दी।

कृषि से जुड़ा तीसरा बिल भी राज्य सभा से पास

कृषि विधेयकों पर संसद में विपक्ष और मोदी सरकार के बीच घमासान जारी है। हालांकि, कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों द्वारा मानसून सत्र का बहिष्कार करने के फैसले के बीच मोदी सरकार ने राज्यसभा में कृषि बिल से जुड़ा तीसरा विधेयक भी आज पास करा लिया। राज्यसभा ने अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेल, प्याज व आलू को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने के प्रावधान वाले विधेयक को मंजूरी दे दी। इससे पहले रविवार को राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवद्र्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी थी। आज आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक राज्यसभा से पास किए जाने के बाद कृषि से जुड़े तीन विधेयकों को संसद की मंजूरी मिल गई।

निलंबन ताउम्र कर दीजिये लेकिन यह कृषि बिल वापस लीजिए और किसानों को उनकी फसलों का न्यूनतम मूल्य देने का अधिकार दीजिये।
संजय सिंह, सांसद, आप

मैंने न केवल सांसदों की सदन वापसी की मांग की बल्कि विपक्ष की तरफ से माफी भी मांगी, लेकिन मेरी माफी के बदले कोई रिस्पांस नहीं दिया गया। इससे मुझे बहुत कष्ट हुआ इसलिए मैं और मेरी पूरी पार्टी संसद के इस पूरे सत्र का बहिष्कार करती है।
राम गोपाल यादव, सांसद, सपा

धरने पर बैठे निलंबित सांसदों के लिए चाय लेकर पहुंचे उप सभापति, पीएम मोदी ने की तारीफ

  • दुव्र्यवहार से आहत उप सभापति हरिवंश ने राष्ट्रपति व उपराष्टï्रपति को लिखा पत्र, रखा उपवास

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। सदन में सांसदों द्वारा किए गए दुव्र्यवहार से दुखी राज्य सभा के उप सभापति हरिवंश ने एक दिन के उपवास का फैसला लिया है। उन्होंने सदन के सभापति को तीन पन्नों का पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने बताया है कि राज्य सभा में जो भी हुआ उससे वे पीड़ा और तनाव में हैं। वे रात भर सो नहीं पाए। वे आज सुबह से कल सुबह तक चौबीस घंटे का उपवास रख रहे हैं। काम काज न रुके इसलिए उपवास के दौरान भी वे राज्य सभा के कामकाज में नियमित व सामान्य रूप से हिस्सा लेंगे। इसके पहले आज उपसभापति चाय और स्नैक्स के साथ संसद परिसर पहुंचे और धरना पर बैठे सांसदों से मुलाकात की। विरोध में प्रदर्शन कर रहे सांसदों को चाय पिलाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उप सभापति हरिवंश के उदार हृदय और विनम्रता की ट्वीट कर प्रशंसा की। पीएम मोदी ने लिखा, लोकतंत्र के लिए इससे खूबसूरत संदेश और क्या हो सकता है।

भारतीय सिनेमा को देंगे नया आयाम: योगी

  • फिल्म सिटी के निर्माण और विकास पर फिल्मी दिग्गजों ने दिए सुझाव
  • जमीन संबंधी ब्यौरा और प्रस्ताव भी भेजा गया मुख्यमंत्री को

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने सरकारी आवास में बॉलीवुड हस्तियों के साथ विचार-विमर्श किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश संस्कृति का केंद्र बिंदु है। हम भारतीय सिनेमा को नया आयाम देंगे। हस्तिनापुर क्षेत्र में फिल्म सिटी बनेगी। इस क्षेत्र का अपना इतिहास है। फिल्मों में उत्तर प्रदेश का योगदान अहम रहा है। फिल्म सिटी में कनेक्टीविटी की कोई दिक्कत नहीं होगी। जेवर में सबसे बड़ा एयरपोर्ट बन रहा है। सरकार ने फिल्म नीति बनाई है। हमारे लिए फिल्म भारतीय सभ्यता और संस्कृति का प्रचार-प्रसार भी है।
सीएम के साथ मीटिंग में सुपर स्टार रजनीकांत की बेटी सौन्दर्या रजनीकांत, निर्माता निर्देशक मधुर भंडारकर, अभिनेता प्रियदर्शन, रवीना टंडन, सुभाष घई, परेश रावल, गायक अनूप जलोटा, उदित नारायण, कैलाश खेर, लेखक विजयेंद्र प्रसाद, गीतकार मनोज मुन्तस्सिर आदि शामिल रहे। वहीं नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे व अथारिटी व ग्रेटर नोएडा ने अपनेे यहां फिल्म सिटी बनाने के लिए जमीन संबंधी ब्यौरा व प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेज दिया है।

सपा के एक और प्रोजेक्ट को अपना बताकर फीता काटने की तैयारी में भाजपा सरकार: अखिलेश

  • कहा, नहीं काम आएगा अभिनय, उतरने वाली है फ्लॉप पिक्चर

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी की प्रदेश में फिल्म सिटी बनाने की घोषणा के बाद इस मुद्दे पर फिल्मी हस्तियों की हो रही बैठक को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि उनके कार्यकाल के एक और प्रोजेक्ट को योगी सरकार अपना बताकर फीता काटने की तैयारी में है।
सपा प्रमुख अखिलेश ने ट्वीट किया, अब सपा काल की फिल्म सिटी का श्रेय लेने के लिए प्रदेश की भाजपा सरकार कैंची लेकर फीता काटने को तैयार खड़ी है पर अब न तो उनके अभिनेता का अभिनय काम आ रहा है, न ही कोई डॉयलाग। उनकी फ्लॉप पिक्चर उतरने वाली है क्योंकि प्रदेश की असली तस्वीर बनाने वालों की एडवांस बुकिंग हो गई है।

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