विधान सभा चुनाव से पहले मीडिया को मैनेज करने का चल रहा Óखेला’

  • 4पीएम की परिचर्चा में सामने आया कि चुनिंदा पत्रकारों को दी जा रही खास तवज्जो
  • करोड़ों के विज्ञापन से सरकार का चेहरा चमकाने की कोशिश
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव है। सत्ता में वापसी को बेकरार भाजपा ने अब मीडिया मैनेज का खेल खेला है। वैसे यह हर सरकार में होता है लेकिन कुछ मीडिया घराने को किनारे कर दिया गया है। 2022 में चुनाव के चलते पत्रकारों पर सरकार मेहरबान हो गई है। पत्रकारों को हैलीकॉप्टर में घुमा रहे हंै। विज्ञापन के जरिए करोड़ों के पैकेज दे दिए गए हैंं। विज्ञापन के जरिए सरकार को चमकाया जा रहा है और अगर किसी पत्रकार ने मुंह खोला तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रही है क्योंकि इस सरकार में आप सवाल नहीं कर सकते। ये बात निकलकर आई न्यूज नशा चैनल की संपादक विनीता यादव, सीएसडीएस के प्रोफेसर अभय दुबे, वरिष्ठï पत्रकार दीपक शर्मा, भड़ास फोर मीडिया वेबसाइट के संपादक यशवंत सिंह व 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के साथ एक लंबी परिचर्चा में। परिचर्चा में प्रोफेसर अभय दुबे कहते हैं कि एंकर अब खुद खबरों में योगी सरकार की तारीफ करने लगे हैं जबकि पहले ऐसा नहीं था। अखबारों को विज्ञापन जा रहे हैं इसलिए ये नई तकनीक अब आई है कि खबरों के जरिए बेहतर प्रचार किया जाए। अभय कहते हैं कि सरकार यह चाहती है कि पत्रकारों को खुश कर लिया जाए ताकि अपनी छवि चमक सके। मगर वर्तमान में यूपी में जो हो रहा है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। परिचर्चा में दीपक शर्मा बताते हैं कि हेलीकॉप्टर में जो लोग यात्रा कर रहे हैं, वो तर्जुबे वाले पत्रकार हैं। दीपक कहते हैं कि ये मनोवादी मीडिया है, सूचना विभाग के अधिकारी महाराज के सामने प्रोजेक्ट करते हैं कि आज आपको इन बड़े चैनलों में कुछ वक्त देना है। ये होगा, वो होगा। आठ कैमरे चलेंगे। उससे पहले सरकार के ये लोग करोड़ों के विज्ञापन दे देते ताकि सरकार की अच्छी चमक बन सके और मुख्यमंत्रीजी को भी यही लगे कि भाजपा शानदार काम कर रही है। एक तरीके से सरकार लाइजनिंग का काम कर रही है। हालांकि पत्रकारों को मकान भी दे रही हैं। इस सरकार में देख रहा हूं कि पहली एफआईआर करप्शन में हुई 2019 में हजरतगंज में। एलईडी स्कैम सामने आया करोड़ों का। जहां, पहली बार करोड़ों रुपए के ठेके उन पत्रकारों को दिए गए, जो फेक थे। आप देखिए कि सीएम की सोशल मीडिया में पार्थ जैसे नौजवान ने आत्महत्या कर ली। ये सब है क्या। वर्तमान में उन पत्रकारों को मान्यता दी जा रही है, जो पत्रकार हैं ही नहीं। अगर कोई संघ से जुड़ा है तो वो पत्रकार है। इन्हीं सब वजहों से कमीशन होने लगा। मुकदमे दर्ज होने लगे। अखबारों को पैकेज बंटने लगे।
विनीता यादव कहती है कि सूचना विभाग के अधिकारियों के हौसले इतने बढ़ जाए कि वो सरकार चला लेंगे तो वो मैंनेज करने लगे। जबकि हम लोगों को बताना होगा कि मीडिया मैनेज से नहीं, अपनी पत्रकारिता से ही चलेगा। और जब सरकार मीडिया मैनेज कर लेती तो हाल प्रदेश का वहीं होता कि कुछ दिखता ही नहीं। बस दिखता है तो सरकार की चमचागिरी। अगर आपको संस्थान चलाना है। रेवेन्यू लाना है तो प्लानिंग करनी पड़ती है। हर पत्रकार मैनेज नहीं होता है। पर इस समय इस सरकार में इस तरह मैनेज हो रहा है कि सच्चाई को दबाया जा रहा है मीडिया के जरिए वो भी लंबे समय तक। यह कहां का न्याय है। परिचर्चा में यशवंत सिंह कहते हैं कि पत्रकार तो काफी संख्या में मैनेज है ही क्योंकि बड़ी संख्या में नेशनल मीडिया के मालिक मैनेज है। दैनिक जागरण अखबार बता रहा है कोरोना से इतनी मौतें नहीं हुई वो भी तस्वीर के जरिए झूठा प्रचार यूपी सरकार के पक्ष में कर। ऐसे में लोग क्या उम्मीद करें।

डीएम ने लिया मेगा वैक्सीनेशन कैंप की तैयारियों का जायजा
महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग जनों को निशुल्क बस से लाया जाएगा कैंप
शहरी क्षेत्र के तीन स्थानों पर स्थापित किए जाएंगे कैंप
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। राजधानी में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सरकार अब वैक्सीनेशन को रफ्तार देने की तैयारी कर रही है। शहरी क्षेत्र के तीन स्थानों पर टीकाकरण के लिए मेगा कैंप स्थापित किए जाएंगे। यहां महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांग जनों को बस से निशुल्क लाया जाएगा। वहीं जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने इन कैंपों की तैयारियों का जायजा लिया और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। छोटा इमामबाड़ा, केडी सिंह बाबू स्टेडियम और इकाना स्टेडियम में मेगा वैक्सीनेशन कैंप बनाए जा रहे हैं। इनकी तैयारियों का आज जिलाधिकारी जायजा लिया। वे छोटा इमामबाड़ा पहुंचे। इसके बाद जिलाधिकारी ने केडी सिंह बाबू स्टेडियम और इकाना स्टेडियम का निरीक्षण किया। शहरी क्षेत्र के लिए इन तीन स्थानों पर मेगा वैक्सीनेशन कैंप स्थापित किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि यहां बसों द्वारा महिलाओं , वृद्धजनों और दिव्यांगों को टीकाकरण के लिए लाने और ले जाने की निशुल्क व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा पेयजल और बैठने आदि की समुचित व्यवस्था होगी। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक तहसील स्तर पर मेगा वैक्सीनेशन सेंटर बनाया जाएगा।

अलीगढ़: जहरीली शराब ने ली 13 की जान, हड़कंप

4पीएम न्यूज नेटवर्क. अलीगढ़ । ताला नगरी अलीगढ़ में शराब के सेवन से शुक्रवार को 13 लोगों की मौत हो गई। इसके साथ ही दस लोगों की हालत गंभीर बनी है। इन सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं। शराब की पांच दुकानें सील की गई हें। तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है। जांच होने तक के लिए जिले में देशी शराब की सभी दुकानें बंद करा दी गई हैं। डीएम चंद्रभूषण सिंह समेत प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। मामले की जांच का आदेश दिए है। डीएम ने अब 11 लोगों के मरने की पुष्टि की है। इनमे पांच करसुआ, एक अंडला व दो ट्रक ड्राइवर हैं। आशंका व्यक्त की जा रही है कि मृतकोंं की संख्या अधिक हो सकती है। जिलाधिकारी चंद्रभूषण ने 11 लोगों के मरने की पुष्टि की है। जबकि हंगामा कर रहे लोग मरने वालों की संख्या अधिक बता रहे हैं। सभी अलग-अलग गांवों से हैं, पुलिस इनकी सही जानकारी जुटाने में लगी है।

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