सिरफिरे आशिक ने युवती की मां को उतारा मौत के घाट

सरिया से किया था मां-बेटी पर हमला, युवती गंभीर घायल
लडक़ी के इनकार करने पर दिया वारदात को अंजाम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मैनपुरी। जिले में एक तरफा प्रेम में पागल सिरफिरे ने युवती की मां की सरिया से हमला कर हत्या कर दी। इस हमले में युवती गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसे इलाज के लिए सैफई मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया है। इस बीच पुलिस ने मामले में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
वारदात मैनपुरी के थाना घिरोर इलाके के ग्राम कासगंज की है, जहां गांव के ही एक युवक ने घर में सो रही मां-बेटी पर सरिए से हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि कासगंज की रहने वाली सुनीता (काल्पनिक नाम) से सिरफिरा सिंटू एक तरफा प्यार करता था। उसने कई बार लडक़ी से अपने प्यार का इजहार किया, लेकिन उसने मना कर दिया। लडक़ी के मना करने पर सिंटू बौखला गया और उसने एक बड़ी वारदात को अंजाम दे दिया। रविवार देर रात की जब मां और बेटी घर के बरामदे में सोए हुए थे तभी आरोपी वहां पहुंच गया और सरिया लेकर लडक़ी की मां पर वार कर दिया। लडक़ी की मां की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपी ने लडक़ी पर भी सरिए से हमला किया। इस हमले में गंभीर रूप से घायल लडक़ी को इलाज के लिए सैफई मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया गया है। उधर, वारदात को अंजाम देने के बाद फरार आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसके पास से आला कत्ल भी बरामद हो गया है।

अब सोलर संयंत्र लगाने की शर्त पर पास होगा नक्शा

विकास प्राधिकरण पहले से निर्मित बड़े भवनों की करेंगे जांच
सर्वे के बाद ही दिया जाएगा कंप्लीशन सर्टिफिकेट

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। प्रदेश के शहरों के भीतर अब पांच सौ वर्ग मीटर से अधिक बड़े भवन पर सोलर संयंत्र लगाने की शर्त पर नक्शा पास होगा। इसका कड़ाई से पालन कराया जाएगा। यूपी में सभी विकास प्राधिकरण पहले से निर्मित बड़े भवनों की जांच भी करेंगे और इसकी रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी कि शर्त के मुताबिक भवनों में सोलर संयंत्र मौजूद है या नहीं।
एकल आवासीय भवन, अस्पताल, नर्सिंग होम, होटल, गेस्ट हाउस, छात्रावास, विश्वविद्यालय, प्राविधिक विश्वविद्यालय, प्राविधिक शिक्षण संस्थाएं, प्रशिक्षण केंद्र, सशस्त्र बल बैरक आदि ऐसे भवनों में सोलर संयत्र लगाने की अनिवार्यता की गई है। इसके बाद भी शासन के आदेशों का पालन विकास प्राधिकरण ठीक से नहीं कर पा रहे हैं। आवास विभाग चाहता है कि इस आदेश का कड़ाई से पालन कराया जाएगा और बड़े भवनों में इसे अनिवार्य रूप से लगवाया जाए। शासनादेश के मुताबिक विकास प्राधिकरण निर्माण के बाद कंप्लीशन सर्टिफिकेट तभी दें जब भवनों का मौके पर जाकर स्थलीय सर्वे किया जाये और इस बात का विशेष जोर हो कि पांच सौ वर्ग मीटर से बड़े भवनों में सोलर संयंत्र मौजूद है या नहीं। यदि ऐसा नहीं पाया जाता है तो संबंधित भवन स्वामी को इसके लगाए जाने के बाद ही कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिया जाएगा। ऐसा न करने पर संबंधित भवन स्वामी के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी और विकास प्राधिकरण के दोषी अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।

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