किसानों की आवाज दबाने का प्रयास कर रही पुलिस : टिकैत

तोड़फोड़ और मारपीट मामले में गलत तरीके से कार्रवाई का आरोप

लखनऊ। मुजफ्फरनगर में सोमवार देर रात जिला अस्पताल में हंगामा, तोड़फोड़ और मारपीट मामले में किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि पुलिस ने गलत तरीके से कार्रवाई की है। टिकैत ने कहा कि पुलिस किसानों की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। पुलिस प्रशासन यूनियन के साथ उलझना चाह रहा है। यूनियन के कार्यकर्ता शांतिपूर्वक अपना काम कर रहे हैं। मामले में पीड़ित का साथ देने खड़े होने पर यूनियन के पदाधिकारी और कार्यकर्ताओं को मुजरिम बनाने पर पुलिस तुली है। ऐसा रवैया हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। बता दें कि रात में शहर के प्रकाश चौक स्थित एक होटल में तितावी के दो लोगों और होटल मालिक के बेटों के बीच मारपीट हुई। पुलिस दोनों पक्षों को मेडिकल के लिए जिला अस्पताल ले गई तो दोनों पक्षों ने वहां भी मारपीट की। पुलिस ने मामले में भाकियू कार्यकर्ताओं सहित 10 लोगों को जेल भेजा है। इनमें सात आरोपी शहर कोतवाली पुलिस और तीन आरोपियों की गिरफ्तारी थाना सिविल लाइन पुलिस ने की है। शाम को प्रशासन से वार्ता के बाद राकेश टिकैत ने धरना खत्म कर दिया।

इस मामले में प्रशासन से बातचीत के लिए एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी पूरे मामले की जांच करेगी। मामले में जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने बताया कि यूनियन के ब्लॉक बघरा अध्यक्ष अमरजीत सिंह के परिचित रात में अस्पताल पहुंचे थे, इमरजेंसी में उपचार नहीं मिलने पर अमरजीत को बुला लिया गया। अमरजीत ने मौके पर आकर पीड़ितों के लिए सिफारिश की, इतने कसूर पर उसको मुजरिम बनाया गया है। पुलिस ने पूरी रात यूनियन के कार्यकर्ताओं को लॉकअप में रखा और मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन का यह रवैया गलत है। शहर कोतवाली आनंद देव मिश्रा का कहना है कि कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसके लिए जिला अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से पुलिस को शिकायत मिली है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है।

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