महबूबा मुफ्ती ने फिर से किया केंद्र सरकार पर हमला

नई दिल्ली। पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। महबूबा मुफ्ती ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दिल्ली के लोग जम्मू-कश्मीर को प्रयोगशाला की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं और यहां प्रयोग कर रहे हैं. पंडित जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी जैसे नेताओं के पास जम्मू-कश्मीर के लिए एक विजन था, लेकिन यह सरकार हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन पैदा करती है। सरदार अब खालिस्तानी हैं, हम पाकिस्तानी हैं, सिर्फ बीजेपी ही हिंदुस्तानी है…
जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा कि परिसीमन की कवायद बेतरतीब ढंग से की जा रही है। वे केवल नाम बदल रहे हैं (विद्यालयों का नाम शहीदों के नाम पर) लेकिन नाम बदलने से बच्चों को रोजगार नहीं मिलेगा। वे (केंद्र) तालिबान, अफगानिस्तान के बारे में बात करते हैं लेकिन किसानों, बेरोजगारी के बारे में नहीं…
आपको बता दें कि इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने तालिबान पर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि तालिबान हकीकत बनकर सामने आ रहा है। और वे चाहते हैं कि जो छवि उन्होंने पहली बार बनाई है वह इंसानों के खिलाफ है, लेकिन इस बार वे आए हैं और शासन करना चाहते हैं। बाकी अफगानिस्तान में वही है जो असली शरीयत कहता है, जो हमारे कुरान शरीफ में है। यह बच्चों और महिलाओं के अधिकार हैं। हम कैसे शासन करें जो मदीना का हमारा मॉडल रहा है। तो अगर वह वास्तव में इसे लागू करना चाहता है, तो वह दुनिया के लिए एक उदाहरण बन सकता है। अगर वे इसे लागू करते हैं, तो दुनिया के देश उनके साथ व्यापार कर सकते हैं। अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे और अब सरकार बनने के बाद महबूबा मुफ्ती ने भी इस पर अपनी राय रखी है।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने भी तालिबान पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने श्रीनगर में एक कार्यक्रम में कहा कि तालिबान को इस्लामी नियमों के आधार पर अफगानिस्तान पर शासन करना चाहिए, दुनिया के सभी देशों के साथ अच्छे संबंध स्थापित करने चाहिए। फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि तालिबान सबके साथ न्याय करेगा। फारूक के बाद अब जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को तालिबान से काफी उम्मीद नजर आ रही है।

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