सपा के दो प्रत्याशियों सहित 34 नामांकन निरस्त

लखनऊ। विधान परिषद की 36 एमएलसी सीटों के लिए हो रहे चुनाव में पहले चरण की 30 सीटों के लिए हुई नामांकन पत्रों की जांच में 34 पर्चें निरस्त हो गए। अब 105 प्रत्याशी चुनाव मैदान में बचे हैं। मथुरा-एटा-मैनपुरी की दो सीटों पर सपा प्रत्याशी उदयवीर सिंह व राकेश यादव के पर्चे निरस्त होने के बाद यहां निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। 24 मार्च को नाम वापसी के बाद निर्विरोध चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों की घोषणा हो जाएगी। नामांकन पत्रों की जांच के बाद सर्वाधिक आठ नामांकन मेरठ-गाजियाबाद सीट से निरस्त हुए हैं। बांदा-हमीरपुर से पांच नामांकन पत्र निरस्त हुए हैं। मुरादाबाद-बिजनौर, लखनऊ-उन्नाव व मथुरा-एटा-मैनपुरी से तीन-तीन, खीरी व बुलंदशहर से दो-दो नामांकन पत्र निरस्त हुए हैं। इसी प्रकार रायबरेली, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, वाराणसी, मीरजापुर-सोनभद्र, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर व पीलीभीत-शाहजहांपुर से एक-एक पर्चा मंगलवार को खारिज हो गया। अब हरदोई, खीरी, लखनऊ-उन्नाव, मीरजापुर-सोनभद्र व बुलंदशहर में दो-दो प्रत्याशी चुनाव मैदान में बचे हैं। ऐसे में यहां भाजपा व सपा का सीधा मुकाबला होगा। सर्वाधिक छह-छह उम्मीदवार रामपुर-बरेली, प्रतापगढ़, आगरा-फिरोजाबाद व मेरठ-गाजियाबाद से चुनाव मैदान में डटे हैं। हालांकि प्रत्याशियों की असली तस्वीर 24 मार्च को नाम वापसी के बाद साफ होगी।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से सपा प्रत्याशियों के साथ हुई अभद्रता व उन्हें नामांकन से रोके जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा राज में लोकतंत्र खतरे में है। ये सत्ता का क्रूर चेहरा है। एमएलसी चुनाव में या तो पर्चा नहीं भरने दिया गया या चुनाव प्रभावित किया जा रहा है। वहीं सपा ने सोमवार के बाद मंगलवार को फिर चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर सपा प्रत्याशी उदयवीर सिंह व राकेश यादव के साथ हुई मारपीट व अभद्रता की शिकायत की है। सपा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को दिए ज्ञापन में लिखा कि उनके प्रत्याशियों को जिला व पुलिस प्रशासन ने बंधक बना लिया था। सपा ने अपने दोनों प्रत्याशियों के नामांकन पत्र खारिज किए जाने की साजिश के विरुद्ध शिकायत की है एवं तत्काल सख्त कार्रवाई की मांग की है। साथ ही यहां नामांकन प्रक्रिया दोबारा शुरू करने के लिए भी कहा है।

गोरखपुर से ताल ठोंकने वाले भाजपा प्रत्याशी सौ करोड़ की संपत्ति के मालिक

लखनऊ। गोरखपुर-महराजगंज स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी के लिए पर्चा दाखिल करने वाले भाजपा प्रत्याशी चामुंडेश्वरी प्रताप चन्द उर्फ सीपी चन्द 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं। नामांकन पत्र के साथ दाखिल शपथ पत्र में उन्होंने करीब छह करोड़ 20 लाख रुपये का चल एवं 94 करोड़ 64 लाख रुपये की अचल संपत्ति की घोषणा की है। उन पर लखनऊ के विकास नगर थाने में हत्या, रंगदारी, धमकी एवं षडयंत्र के आरोप में मुकदमा दर्ज है। सीपी चन्द शस्त्र एवं महंगी गाड़ियों के भी शौकीन हैं। उनके पास करीब 89 लाख रुपये कीमत की मर्सडीज कार एवं करीब 30 लाख रुपये कीमत की हाक जीप भी है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से कला स्नातक सीपी चन्द के पास चार लाख 15 हजार रुपये नकद हैं। करीब 12.36 लाख रुपये बैंक खाते में जमा है। उनके पास चल संपत्ति के रूप में करीब छह करोड़ 20 लाख रुपये हैं। अचल संपत्ति के रूप में करीब नौ करोड़ रुपये कीमत की कृषि योग्य भूमि है। लखनऊ, गोरखपुर एवं कुछ अन्य शहरों में भी उनके पास जमीन एवं भवन हैं।

गोरखपुर शहर में भी उनके पास संपत्ति है। विभिन्न शहरों में कई स्थानों पर उनके पास वाणिज्यिक भवन एवं जमीन है। सीपी चन्द के पास 23 लाख रुपये के आभूषण हैं। तीन लाख रुपये कीमत की रिवाल्वर एवं राइफल भी सीपी चन्द के पास है। तीन लाख रुपये कीमत के मोबाइल एवं अन्य उपकरण भी भाजपा प्रत्याशी अपने पास रखते हैं। वहीं सपा प्रत्याशी के तौर पर पर्चा दाखिल करने वाले रजनीश यादव व उनकी पत्नी के पास मात्र 2.67 लाख रुपए की चल एवं अचल संपत्ति है। उनके पास कुल 31 हजार रुपए जबकि पत्नी के पास दो लाख 36 हजार रुपये की संपत्ति है। जिले के विभिन्न थानों में रजनीश पर चार मुकदमे दर्ज हैं। ये मुकदमे धरना-प्रदर्शन एवं सामान्य विवाद से जुड़े हैं।

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