सरकार की नीतियों के कारण रक्षक से भक्षक बनी पुलिस!

पुलिस हिरासत में लगातार हो रही हैं मौतें, मानवाधिकारों का हो रहा हनन
4पीएम की परिचर्चा में उठे कई सवाल
 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अब कासगंज में एक युवक अल्ताफ की पुलिस हिरासत में मौत हो गयी। युवक पर लड़की को अगवा करने का आरोप था। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने युवक को इतना पीटा की उसकी मौत हो गई। यह कोई पहला मामला नहीं है। सवाल यह है कि पुलिस तानाशाही रवैया क्यों अपना रही है? क्या प्रदेश सरकार की नीति इसके लिए जिम्मेदार है? ऐसे कई सवाल उठे चिंतक रविकांत, पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह, पत्रकार रणविजय सिंह, दीपक शर्मा, अजय शुक्ला और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा के बीच चली परिचर्चा में।
रणविजय सिंह ने कहा, राष्टï्रीय मानवाधिकार की रिपोर्ट से साफ है कि पुलिस हिरासत में मौत के मामले में यूपी नंबर वन है। सरकार की शह के कारण हिरासत में मौत की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसी घटनाओं में पूरा थाना जुड़ा रहता है। अजय शुक्ला ने कहा, योगी सरकार संवेदनहीन हो चुकी है। मुख्यमंत्री ही जब ठोंकने का आदेश दें तो ऐसी ही घटनाएं होंगी। पुलिस निरंकुश हो चुकी है।
रविकांत ने कहा, हिंदू-मुस्लिम की राजनीति हो रही है। योगी ने अपने सजातीय लोगों को पुलिस और प्रशासन में जगह दे दी है। इसका परिणाम है कि वे निरंकुश हो गए हैं क्योंकि वे जानते है कि उनका कुछ बिगडऩे वाला नहीं है। अधिकारी और कर्मचारी भी सांप्रदायिक हो चुके हैं। सूर्य प्रताप सिंह ने कहा, राजनीतिक लोग पुलिस का दुरुपयोग करते रहे हैं। जब ऊपर से ही आदेश हो तो पुलिस मनमानी करेगी ही। सजा देना न्यायपालिका का काम है लेकिन यहां मुख्यमंत्री खुद न्यायपालिका बन गए हैं। दीपक शर्मा ने कहा, क्राइम कंट्रोल का पैमाना बदल गया है। जहां मानवाधिकार का उल्लंघन अधिक है उसे बैड पुलिस कहा जाता है। पुलिस रक्षक की जगह भक्षक बन चुकी है। यहां अधिकारियों पर एक्शन नहीं लिया जाता है। लिहाजा पुलिस निरंकुश हो गयी है।

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