राकेश टिकैत के आंसुओं ने पलट दी बाजी, लाखों किसानों की पंचायत से हड़कंप

  • आज पंचायत में जुटे लाखों किसान, प्रशासन पसीने पसीने
  • सिंघु बार्डर पर हंगामा पथराव, लाठीचार्ज
  • किसान नेता की भावुक अपील पर आधी रात से ही पहुंचने लगे थे किसान
  • राकेश टिकैत ने कहा भाजपा समेत कई राजनैतिक दलों का मिल रहा समर्थन
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद किसान आंदोलन खत्म होने की कगार पर नजर आने लगा था लेकिन गाजीपुर बॉर्डर पर किसान नेता राकेश टिकैत के आंसुओं ने बाजी पलट दी। किसान नेता राकेश टिकैत आंदोलन खत्म नहीं करने पर अड़े हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राकेश टिकैत के आंसू छलक पड़े। उन्होंने किसानों से भावुक अपील की। इसके बाद गाजीपुर बॉर्डर पर माहौल पूरी तरह से बदल गया। आधी रात को ही पश्चिमी यूपी के तमाम हिस्सों से किसानों के समूह गाजीपुर बॉर्डर की तरफ बढ़ने लगे। रात से ही भीड़ जुटने लगी। मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में लाखों किसानों के जुटने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। दूसरी ओर सिंघु बार्डर पर स्थानीय लोगों और किसानों के बीच झड़प हो गई। पथराव होने पर पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। वहीं सपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा समेत कई सियासी दल किसान आंदोलन के समर्थन में आ गए गए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत की अपने यहां से पानी पीने की बात पर उनके गांव सिसौली से किसान पानी लेकर गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे है। पश्चिमी यूपी के विभिन्न इलाकों से किसान बड़ी संख्या में रजाई-गद्दों के साथ पहुंचे हैं। आंदोलनकारी किसानों ने गाजीपुर सीमा पर नारे लगाए। उत्तर प्रदेश पुलिस और पीएसी आंदोलन स्थल से लौट चुकी हैं। राष्टीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी आज धरनास्थल पर पहुंचे और राकेश टिकैत से मुलाकात की। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया भी मौके पर पहुंचे। राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन को भाजपा समेत कई सियासी दलों का समर्थन मिल रहा है।

किसान नेताओं से पूछताछ करेगी क्राइम ब्रांच
गणतंत्र दिवस पर कृषि कानून के विरोध में किसानों की ओर से निकाली गई ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली में भड़की हिंसा और बवाल के बाद दिल्ली पुलिस ने किसान आंदोलन में शामिल किसान नेताओं को पूछताछ के लिए बुलाया है। सूत्रों के मुताबिक जिन नेताओं को क्राइम ब्रांच में बुलाया गया है उनमें बूटा सिंह बुर्जगिल, दर्शन पाल सिंह, राकेश टिकैत, शमशेर पंधेर, पन्नू पंधेर और सतनाम पन्नू शामिल हैं।
आमरण अनशन करेंगे अन्ना
समाजसेवी अन्ना हजारे ने भी किसानों के समर्थन में उतरने का ऐलान कर दिया। उन्होंने बापू की पुण्यतिथि यानी 30 जनवरी का दिन चुना है। दरअसल, इस दिन से अन्ना हजारे आमरण अनशन शुरू करेंगे। हालांकि, सरकार अन्ना को मनाने की कोशिश कर रही है और केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी रालेगण सिद्धि जा रहे हैं।
एक साइड चुनने का समय है। मेरा फैसला साफ है। मैं लोकतंत्र के साथ हूं। मैं किसानों और उनके शांतिपूर्ण आंदोलन के साथ हूं।
राहुल गांधी, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष
किसान कृषि कानूनों की वापसी को लेकर आन्दोलित है व सरकारी प्रताड़ना झेल रहा है जिस पर सरकारी चुप्पी दुखद है। दंगे की आड़ में निर्दोष किसान नेताओं को बलि का बकरा न बनाएं।
मायावती, बसपा प्रमुख
डेथ वारंट में संशोधन नहीं होता उसको वापस लिया जाता है। प्रधानमंत्री जी आपकी सरकार किसानों को गद्दार, देशद्रोही, आतंकवादी और दोयम दर्जे का नागरिक समझती है। अपने चार पूंजीपति मित्रों की खातिर आपने किसानों की अस्मिता को गिरवी रख दिया है। तीनों काले कानून वापस लो।
संजय सिंह, आप सांसद
इस मुद्दे को संसद में उठाया जाना चाहिए। अगर सरकार बैकफुट पर जाती है तो यह नहीं दिखाएगी कि वह कमजोर है। यह उनके नेतृत्व को आगे ले जाएगा। पीएम को इस पर बोलना चाहिए। उन्हें किसानों का विश्वास हासिल करने की आवश्यकता है।
जयंत चौधरी, रालोद नेता

अखिलेश ने राकेश टिकैत को फोन कर पूछा हाल, कहा- किसानों के साथ है सपा

लखनऊ। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने किसान नेता राकेश टिकैत को फोन कर उनका हालचाल जाना है। अखिलेश यादव ने ट्वीट कर बताया कि अभी राकेश टिकैत से बात करके उनके स्वास्थ्य का हाल जाना। भाजपा सरकार ने किसान नेताओं को जिस तरह आरोपित व प्रताड़ित किया है, वह पूरा देश देख रहा है। आज तो भाजपा के समर्थक भी शर्म से सिर झुकाए और मुंह छिपाए फिर रहे हैं। आज देश की भावना और सहानुभूति किसानों के साथ है। अखिलेश ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, सबका पेट भरने वाले किसानों को भाजपा भूखा-प्यासा रखकर व झूठे आरोप लगाकर हराना चाहती है लेकिन चंद भाजपाइयों को छोड़कर सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानी आज भी किसानों के साथ खड़े हैं। सपा किसानों के साथ है।

Related Articles

Back to top button