जीएसटी बढ़ाने के प्रस्ताव को कांग्रेस ने बताया जनता के साथ क्रूर मजाक

नई दिल्ली। कांग्रेस ने गुड़, पापड़ सहित करीब 143 वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा है कि यह जनता के साथ मजाक और क्रूरता है। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा आपत्ति गुड़ और पापड़ को जीएसटी के दायरे में लाने जाने के प्रस्ताव जताई है। अभी तक यह दोनों ही चीजें जीएसटी के दायरे से बाहर थी। ऐसे में आने वाले दिनों में इनका भी महंगा होना तय है। कांग्रेस ने कहा कि राज्य की उनकी सरकारें केंद्र के इस प्रस्ताव का विरोध करेंगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद अभिषेक मनु सिंघवीं ने केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई और तंज कसा कि जीएसटी बढ़ाने का प्रस्ताव कर मोदी सरकार ने जनता पर एक और बोझ डालने की तैयारी कर ली है। जिसमें आम आदमी अब न गुड़ खा पाएगा और ही न पापड़। सिंघवीं ने कहा कि सरकार ने जिन वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाने का प्रस्ताव किया है, उनमें ज्यादातर वस्तुएं आम लोगों से दैनिक उपयोग से जुड़ी है। इनमें गुड़ और पापड़ पर पांच फीसदी टैक्स लगाने का कोई औचित्य नहीं है। अभी तक यह जीएसटी के दायरे से मुक्त थी। यानी इन पर कोई टैक्स नहीं लगता था। उन्होंने बताया कि कांग्रेस शासित राज्य सरकारों ने इस प्रस्ताव पर लिखकर विरोध जताया है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक जीएसटी संबंधी मुद्दों पर फैसला करने वाली सर्वोच्च इकाई जीएसटी परिषद ने कर दरें बढ़ाने को लेकर राज्यों से राय नहीं मांगी है।

घर बनवा रहे हो तो गलती से भी जैक्वार कंपनी का सामान मत लगवाइएगा अपने बाथरूम में

लखनऊ। अगर आप घर बना रहे हैं और अपने बाथरूम में किसी अच्छी कंपनी का प्रोडक्ट लगाने जा रहे है तो कम से कम जैक्वार कंपनी का कोई भी प्रोडक्ट मत लगवाइएगा। क्योंकि कई लोग जैक्वार कंपनी के प्रोडक्ट से परेशान है। राजधानी लखनऊ में गोमती नगर विस्तार निवासी बबिता इस प्रोडक्ट को लगवा कर इतना दुखी हो चुकी है कि वे इसे अपने घर से हटवा कर उपभोक्ता फोरम में इसकी शिकायत करने जा रही है। दरअसल जब आप जैक्वार का कोई भी सामान खरीदने जाएंगे तो आपको बड़े बड़े वादे किए जाएंगे। बताया जाएगा कि यह प्रोडक्ट बहुत अच्छा है। यह प्रोडक्ट दस बीस सालों तक खराब नहीं होगा। अगर हमारे प्रोडक्ट में कोई कमी आ गयी तो तुरंत हमारा आदमी इसे चेंज करेगा या सही करेगा। मगर यह हकीकत इससे कोसों दूर है। ऐसी ही बातों में फंस कर बबिता ने अपने घर के बाथरूम में जैक्वार की फीटिंग करा ली। कुछ समय बाद ही इसमें परेशानी आने लगी। मगर अब शिकायतों को सुनने वाला जैक्वार कंपनी में कोई नहीं था। लगातार कस्टमर केयर पर फोन और मेल करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। कंपनी के बड़े अधिकारी नरेश अग्रवाल को भी उन्होंने कई बार फोन किया और मैसेज किया पर कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने अपने बाथरूम से इसको हटाने का फैसला किया। यही नहीं, उन्होंने जैक्वार कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में भी जाने का मन बना लिया।

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