सलमान खुर्शीद से सहमत नहीं हूं : हरीश रावत

हिंदुत्व के मुद्ïदे पर बोले, अपने धर्म पर गर्व

देहरादून। उत्तराखंड राज्य में विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मियां बढ़ते ही मुद्दों को लपकने की होड़ भी शुरू हो चुकी है। इस बार हिंदुत्व के मुद्ïदे पर कांग्रेस भाजपा को अकेले बैटिंग नहीं करने देना चाहती। शायद यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत रह-रहकर भाजपा की नब्ज से जुड़े हिंदुत्व के मुद्ïदे को छेड़ना नहीं भूलते हैं। कांग्रेस भवन में ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: अंगवस्त्र पहनकर पीसी में पहुंचे हरीश रावत ने कहा कि उन्हें अपने धर्म पर गर्व है।

उन्होंने कहा कि दूसरे लोग भी अपने धर्म पर गर्व कर सकें, हम उनका भी सम्मान करते हैं। यही हमारी सांविधानिक और लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान है। उन्होंने कहा वह व्यक्तिगत रूप से सलमान खुर्शीद से सहमत नहीं हैं। हिंदू कौन है इसकी परिभाषा विवेकानंद से लेकर हमारे उपनिषदों में, हमारे पुराणों में स्पष्ट की गई है। उन्होंने कहा कि सर्वधर्म समभाव, वसुधैव कुटुम्बकम, यही सनातन धर्म की पहचान है। कांग्रेस हमेशा से इस पहचान पर अडिग रहने के लिए कटीबद्ध रही है, लेकिन भाजपा ने हिंदुत्व का ध्रुवीकरण करते हुए हिंदु से उसके तत्व को अलग कर दिया है, इस तरह से उन्होंने हिंदुओं को बांटने का काम किया है।

कांग्रेस का सिद्धांत सभी धर्मों को ताकत देने का है। रोजगार के मुद्दे पर भाजपा नेताओं की ओर से हरीश रावत को टारगेट करते हुए बयानों पर हरीश ने कहा कि वह अपनी ललकार पर कायम हैं। भाजपा ने रोजगार को लेकर अलग-अलग बातें कहीं हैं। उसके तमाम नेताओं ने अलग-अलग आंकड़े पेश किए हैं। हमारी सरकार ने जितने रोजगार देने की बात कही है, यदि भाजपा सरकार उनमें से एक भी कम दिखा दे, तो वह राजनीति से सन्यास ले लेंगे।

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