सरकार का निजीकरण की ओर एक और कदम, अडानी के हवाले अमौसी एयरपोर्ट

  • 2070 तक अमौसी एयरपोर्ट का सर्वेसर्वा रहेगा अडानी ग्रुप
  • प्रबंधन से लेकर वित्तीय मामलों तक देखेंगे कंपनी के अधिकारी
  • सुरक्षा व्यवस्था में नहीं किया गया कोई बदलाव
  • शुरुआती तीन साल तक अडानी समूह के अधिकारी एयरपोर्ट प्रशासन के साथ काम करेंगे

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। भाजपा सरकार ने निजीकरण की ओर एक कदम और बढ़ा दिया है। इसी क्रम में अब अमौसी एयरपोर्ट को अडानी ग्रुप के हवाले कर दिया गया है। लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट के लिए अडानी ग्रुप के साथ हुए करार के मुताबिक शुरुआती तीन साल तक अडानी समूह के अधिकारी एयरपोर्ट प्रशासन के साथ काम करेंगे। सुरक्षा व्यवस्था की कमान पहले की ही तरह केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवान संभालते रहेंगे।
फायर फाइटिंग सिस्टम और इंजीनियरिंग सेवाएं भी अडानी समूह के अधिकारी संभालेंगे। बताया जाता है कि इस एयरपोर्ट पर किसी भी सुविधा का शुल्क अभी नहीं बढ़ाया जाना है। एयरपोर्ट पर सुविधाओं के विस्तार की योजना है। जानकारी के मुताबिक लखनऊ एयरपोर्ट पर दिल्ली की तर्ज पर मुफ्त पिक और ड्रॉप सेवा भी उपलब्ध कराई जा सकती है। एयरपोर्ट के निदेशक एके शर्मा ने अडानी ग्रुप के सीईओ के साथ करार की प्रक्रिया पूरी की। लखनऊ एयरपोर्ट और अडानी ग्रुप के साथ हुए करार के मुताबिक एयरपोर्ट निदेशक को छोडक़र एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के 124 एक्जीक्यूटिव और नॉन एक्जीक्यूटिव अधिकारी व कर्मचारी पहले की तरह ही काम करते रहेंगे। लेकिन निर्देशन अडाणी ग्रुप के अधिकारियों का रहेगा। बता दें यह एक तरह से संयुक्त प्रबंधन का समझौता है, जो एक साल तक चलेगा। इसके बाद दो साल के लिए यही कर्मचारी डीम्ड डेपुटेशन पर अडानी ग्रुप के लिए काम करेंगे। बताया जाता है कि इस एयरपोर्ट पर किसी भी सुविधा का शुल्क अभी नहीं बढ़ाया जाना है। एयरपोर्ट पर सुविधाओं के विस्तार की योजना है।

एयरपोर्ट पर दो और टैक्सी वे का निर्माण
अमौसी स्थित एयरपोर्ट पर दो नए टैक्सी वे का निर्माण शुरू हो गया है। इससे जहाज के उतरने के बाद रनवे से एप्रन तक जाने में और आसानी हो जाएगी। मौजूदा समय में राजधानी से 68 घरेलू और 10 अन्तरराष्टï्रीय वंदे भारत मिशन की उड़ानों का संचालन हो रहा है। टैक्सी वे, एप्रन की संख्या बढऩे के बाद एक के बाद एक आने और उड़ान भरने वाले कई विमानों का परिचालन आसान हो जाएगा यानी लखनऊ से उड़ान भरने और उतरने वाले विमानों की संख्या 150 तक पहुंचाई जा सकती है। 26 अक्टूबर से नए निर्माण के कार्य शुरू हो चुके हैं। इसमें दो टैक्सी वे के अलावा आठ नए एप्रन यानी जहां विमान खड़े होते हैं, का निर्माण शामिल है।

आठ नए एप्रन बनने से नए गंतव्यों के लिए बढ़ेंगी उड़ानें

एयरपोर्ट पर आठ नए एप्रन बनाने का कार्य शुरू हो गया है। विमान रनवे पर उतरने के बाद टैक्सी वे से होता हुआ एप्रन पर रुकता है। अभी तक एयरपोर्ट पर 14 एप्रन हैं। अब इनकी संख्या दो से तीन महीनों में बढ़ाकर 22 कर दी जाएगी। यानी एक समय में 22 विमान एप्रन पर रुक सकेंगे। इसका सीधा लाभ आने वाले समय में यात्रियों को मिलेगा। एक तरफ रात में रुकने के लिए विमानों को जगह मिल जाएगी। इससे कुछ स्थानों के लिए सुबह सीधी उड़ान मिलेगी। साथ ही एयरपोर्ट से अधिक उड़ानों का परिचालन संभव हो सकेगा। राजधानी के एयरपोर्ट से अब तक 125 तक विमानों का एक दिन में संचालन हो चुका है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button