नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने की कवायद में भाजपा नेतृत्व

लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी है। चुनावी तैयारियों में जुटी पार्टी ने गठबंधन की गांठें तय करने के साथ ही कार्यकर्ताओं को संतुष्ट करने की तैयारी कर ली है। कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए पार्टी ने उन्हें सरकार से लेकर संगठन तक संतुष्ट करने की योजना बनाई है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार राज्य अल्पसंख्यक आयोग, अनुसूचित जाति आयोग और अन्य आयोगों, निगमों, बोर्डों और समितियों में कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की जा सकती है। संगठन में भी मंडल स्तर तक के अग्रेषित मोर्चों, प्रकोष्ठों और परियोजनाओं में नियुक्तियां की जाएंगी। माना जा रहा है कि पहले चरण में जुलाई तक संगठन और सरकार में एक लाख से अधिक कार्यकर्ताओं को विभिन्न पदों पर समायोजित किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि बीते दिनों जब पार्टी के केंद्रीय संगठन मंत्री बीएल संतोष लखनऊ में मैराथन बैठकें कर रहे थे, तब संगठन के कुछ मंत्रियों और पदाधिकारियों ने यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद सरकार और संगठन के प्रमुख लोगों के बीच कार्यकर्ताओं के समायोजन और नेताओं के दावे को लेकर मंथन शुरू हो गया है। चुनाव को देखते हुए इन पदों पर नियुक्तियों में जाति और क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा।
भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को मीडिया डिवीजन, सुशासन और केंद्रीय राज्य समन्वय विभाग, योजना अनुसंधान विभाग, मीडिया संबंध विभाग, राजनीतिक फीडबैक विभाग, राजनीतिक कार्यक्रम और बैठक विभाग में समायोजित करेगी । इन विभागों के अलावा, श्रमिकों को आपदा राहत और बचाव विभाग, साहित्य और प्रकाशन विभाग, चुनाव प्रबंधन विभाग, समन्वय विभाग, चुनाव आयोग के साथ समन्वय विभाग, सोशल मीडिया विभाग, आईटी विभाग, आजीवन सहयोग निधि विभाग, कानून और न्याय विभाग, जिला कार्यालय निर्माण और भाजपा को रखरखाव, पुस्तकालय में श्रमिकों को समायोजित करने की योजना पर काम हो रहा है ।

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