आम आदमी की तरह लाइन में लगे हेल्थ मिनिस्टर बृजेश पाठक तो दिखा कैसे बदहाल हो गए है अस्पताल

लखनऊ। प्रदेश के हेल्थ मिनिस्टर बृजेश पाठक यूपी सरकार में सबसे एक्टिव मंत्री है। जब से उन्हें स्वास्थ्य महकमे की जिम्मेदारी मिली है तब से वे लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को दुरस्त करने में जुटे हैं। बृजेश पाठक खुद आम आदमी की तरह लाइन में लगकर मरीजों से बातचीत कर रहे हैं, तीमारदारों को बेहतर सुविधाएं दिलाने का भरोसा दे रहे है। अस्पतालों के औचक निरीक्षण के क्रम में हेल्थ मिनिस्टर बाराबंकी के जिला अस्पताल पहुंच गए। वहां उन्होंने मुंह पर मास्क लगाकर ओपीडी के सामने लगी भीड़ में आम आदमी बन अस्पताल की बदहाली देखी। निरीक्षण में कदम-कदम पर मिली खामियां पर नाराजगी जताई और तत्काल सुधार के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक का अस्पतालों का औचक निरीक्षण लगातार जारी है। उप मुख्यमंत्री कल अचानक मरीज बनकर बाराबंकी जिला अस्पताल की ओपीडी में पहुंचे और लाइन में लगकर पर्चा बनवाया। मास्क लगा होने के कारण पहले तो लोग उनको पहचान नहीं पाए, लेकिन जब पता चला तो वहां पर खलबली मच गई। करीब 40 मिनट के निरीक्षण के दौरान ब्रजेश पाठक ने वहां पर कई कमियां मिलने के बाद जिम्मेदार चिकित्सों तथा अधिकारियों को फटकार भी लगाई। ब्रजेश पाठक जिला अस्पताल में प्रशासनिक अमले को छोड़ निजी वाहन से पहुंचे। उप मुख्यमंत्री ने पहले अस्पताल की सेवाओं की हकीकत परखी। इसके बाद लाइन में लग कर पर्चा भी बनवाया।

एक ही काउंटर पर पर्चे बनाए जा रहे थे। इस पर उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों को फटकार लगाई। एक चिकित्सक के कोर्ट जाने की जानकारी मिलने पर फोन पर जानकारी ली और झूठी सूचना देने पर नाराजगी जताई। उन्होंने खराब मिले वाटर कूलर को ठीक कराने और सफाई व्यवस्था को दुरुस्त कराने के लिए निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री का बाराबंकी जिला अस्पताल का ‘आपरेशनÓ करीब 40 मिनट तक चला। इस दौरान उन्होंने अस्पताल के विभिन्न कक्षों में जाकर स्वास्थ्य सेवाओं की सत्यता जांची। हड्डी रोग विभाग में एक मरीज के पैर में ईंटा बंधा देखा तो उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने बोला कि यहां अब भी जुगाड़ चल रहा है। एक कक्ष में पैक रखी मशीन के संबंध में उन्होंने जानकारी ली। बताया गया कि इसका उपयोग न होने के कारण नहीं खोली गई।

लाइन में लगकर बनवाया पर्चा; मरीजों से जाना हाल
उप मुख्यमंत्री ने पर्चा बनवाने के लिए लाइन में लगे मरीजों से स्वास्थ्य सेवाओं के संबंध में जानकारी ली। स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने के लिए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सामान्य व्यक्ति की तरह निजी वाहन से पहुंचे थे। मुंह पर मास्क लगाने के साथ ही उन्होंने शर्ट की आस्तीनें चढ़ा रखी थीं। महज तीन-चार मिनट में ओपीडी का निरीक्षण करने के बाद वह पर्चा बनवाने के लिए कतार में लग गए थे। इस दौरान उन्होंने कई मरीजों से बातचीत की।

चारधाम यात्रा में संदिग्धों पर रहेगी नजर

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को कहा कि चारधाम यात्रा क्षेत्र में आने वाले संदिग्धों पर पैनी नजर रखी जाएगी। इतना ही नहीं, मिल रही शिकायतों के आधार पर सरकार जल्द ही इस क्षेत्र में बाहरी लोगों का सत्यापन ड्राइव भी कराएगी। उत्तराखंड में अगले माह से शुरू हो रही चारधाम यात्रा को लेकर सीएम धामी ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल बीते दिनों संतों ने मांग की थी कि चारधाम यात्रा क्षेत्र में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगाई जाए। इस पर सीएम धामी ने कहा कि सरकार के संज्ञान में यह विषय है और नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा पर जाने से पहले लोगों का सत्यापन किया जाएगा। धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान यूपी, दिल्ली सहित पड़ोसी राज्यों से प्रदेश में आने वाले सभी तीर्थ यात्रियों के लिए सत्यापन की व्यवस्था की जाएगी। ताकि चारधाम यात्रा में किसी भी तरह की अव्यवस्था होने पर स्थिति से निपटा जा सके। मुख्यमंत्री ने सत्यापन व्यवस्था किसी धर्म विशेष के लिए रखे जाने की बात नहीं की।

लालकृष्ण आडवाणी का वादा पूरा करेगा केंद्र

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह सचिव ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि गैंगस्टर अबू सलेम को अधिकतम 25 साल की सजा का वादा पूरा किया जाएगा। यह वादा तत्कालीन डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी ने सलेम के पुर्तगाल से प्रत्यर्पण के वक्त वहां की सरकार से किया था। सलेम 12 मार्च 1993 के मुंबई श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों व हत्या की अन्य वारदातों का आरोपी है। सलेम ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर कर कहा था कि भारत सरकार ने 2002 में पुर्तगाल सरकार से वादा किया था कि उसे न तो फांसी की सजा दी जाएगी, न ही किसी भी केस में 25 साल से अधिक कैद होगी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सलेम को 11 नवंबर 2005 को पुर्तगाल से भारत लाया गया था। केंद्र सरकार ने कहा कि वह गैंगस्टर सलेम की रिहाई पर साल 2030 में विचार करेगी। सरकार उस वादे को पूरा करेगी जो सलेम के प्रत्यर्पण के वक्त तत्कालीन उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने किया था। शीर्ष कोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय गृह ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की ओर से दायर जवाब में कहा गया है कि 25 साल अधिकतम कैद की सजा की मियाद 10 नवंबर 2030 को खत्म होगी। उससे पहले नहीं, जैसा कि अबू सलेम दावा कर रहा है। ऐसे में अबू सलेम का अभी से ही मुंबई के विशेष टाडा कोर्ट की ओर से दी गई उम्रकैद की सजा पर सवाल उठाते हुए रिहाई की मांग करना गलत है। केंद्रीय गृह सचिव ने हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया है कि पुर्तगाल सरकार से किए गए वादे से केंद्र सरकार बंधी है।

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