डीआरडीओ कोविड अस्पताल को मिलने वाली ऑक्सीजन का कोटा तय: अवनीश अवस्थी

  • यूपी में एक दिन में 783 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति
  • कंट्रोल रूम के जरिए की जा रही ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था की आनलाइन मानीटरिंग
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि लखनऊ स्थित डीआरडीओ के कोविड अस्पताल के लिए प्रतिदिन 10 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन निर्धारित किया गया है। अभी केवल जरूरतभर के हिसाब से ऑक्सीजन उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में इस अस्पताल में अगर ऑक्सीजन की मांग बढ़ती है, तो निर्धारित आपूर्ति समय से सुनिश्चित कराई जाएगी। डीआरडीओ के इस अस्पताल में भी ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी। अवनीश अवस्थी ने कहा रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन सिलेंडर की भी प्रदेश में कमी नहीं होने दी जाएगी। अपर मुख्य सचिव गृह का कहना है कि जिलेवार उपलब्ध ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट व उनकी क्षमता की लगातार समीक्षा की जा रही है। प्रदेश में ऑक्सीजन की मांग का भी जिलेवार विवरण तैयार किया गया है। क्रायोजेनिक टैंकर की उपलब्धता के अनुसार अधिकतम आक्सीजन लाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस की मदद भी ली गई। उन्होंने बताया कि गृह विभाग में बने एक विशेष कंट्रोल रूम के जरिए ऑक्सीजन आपूर्ति व्यवस्था की आनलाइन मानीटरिंग की जा रही है। प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिये बिहार, उड़ीसा, बंगाल, झारखंड स्थित ऑक्सीजन प्लांट से ऑक्सीजन लाए जाने की व्यवस्था की गई है। अवनीश ने कहा बीते 24 घंटे में प्रदेश में रिकॉर्ड 783.31 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऑक्सीजन की समस्या के स्थायी समाधान के लिए 300 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
कोरोना कर्फ्यू में आवश्यक वस्तुओं की जारी रहेगी आपूर्ति
एसीएस गृह अवनीश अवस्थी ने कहा कोरोना की चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन बढ़ाया गया है। इस दौरान आवश्यक सेवाएं और वस्तुओं की आपूर्ति पूर्व की भांति ही जारी रहेगी। कंटेनमेंट जोन में केवल डोर-स्टेप डिलीवरी व्यवस्था ही आपूर्ति होगी। इतना ही नहीं, जिलों के भीतर और अन्य जिलों में आवागमन के लिए जिला प्रशासन की तरफ से ई-पास जारी किया जाएगा। प्रदेश से बाहर की बस सेवा पर प्रतिबंध रहेगा। शहरों व ग्रामीण क्षेत्रों में मास्क का उपयोग करना अनिवार्य किया गया है। इस नियम का पालन नहीं करने पर पहली एक हजार रुपए जुर्माना और दूसरी बार अधिकतम दस हजार का जुर्माना वसूला जाएगा। इस अवधि में स्वास्थ्य संबंधी कार्यों के लिए पूरी छूट रहेगी। औद्योगिक गतिविधियां, ई-कॉमर्स से संबंधित कार्य यथावत चलते रहेंगे। मीडिया के लोगों को आने-जाने में छूट रहेगी।

ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर व दवा की कालाबाजारी करने वालों पर पुलिस की सख्त नजर: डीके ठाकुर

  • कई जगहों पर छापेमारी कर बरामद किए 200 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर
  • कोरोना काल में राजधानी में महंगी दवा बेचने वालों को भी पकड़ रही लखनऊ पुलिस
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कहा कोरोना संकट का दौर है और इस संकट की घड़ी में ऑक्सीजन सिलेंडर, रेमडेसिविर इंजेक्शन व दवा की कालाबाजारी करने वालों पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा हर क्षेत्र में थाना पुलिस का अभियान चल रहा है, जिससे अब तक 200 से ज्यादा ऑक्सीजन सिलेंडर पुलिस ने बरामद किए हैं। साथ ही अब तक लखनऊ पुलिस 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर चुकी हैं। डीके ठाकुर ने बताया कि कुछ अराजक तत्व ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर रेमडेसिविर इंजेक्शन तक, हर जरूरी चीज को महंगे दाम में बेच रहे हैं, ऐसे लोगों पर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी क्रम में लखनऊ पुलिस ने बीते 24 घंटों में कई जगहों पर छापेमारी कर 24 घंटे में 225 सिलेंडर बरामद किए हैं, वहीं 10 लोगों की गिरफ्तारी भी हो गई है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने गुडंबा, जानकीपुरम, नाका, गोमती नगर विस्तार इलाके से 225 सिलेंडर बरामद कर मुनाफाखोरों को गिरफ्तार किया है। सबसे बड़ी बरामदगी, बीती रात जानकीपुरम इलाके से पुलिस ने की, जहां पर एक ही घर से 115 ऑक्सीजन सिलेंडर बरामद हुए हैं। पुलिस ने इस जगह से दो आरोपी पकड़े, जो ऑक्सीजन सिलेंडर को कम दामों में खरीदकर चोरी छिपे महंगे दामों पर बेच रहे थे, पुलिस ने दोनों ही आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
सिलेंडर सप्लाई करने वालों के नंबर सर्विलांस पर
पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बताया कि सबसे बड़ी बरामदगी गुडंबा पुलिस ने की जब उन्होंने बालाजी जीवन दायिनी गैस एजेंसी के मालिक विष्णु और उसके नौकर विकास को गिरफ्तार किया। उन दोनों के पास से पुलिस को छोटे-बड़े मिलाकर 87 सिलेंडर बरामद हुए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बीते एक सप्ताह में ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाले तमाम लोगों के नंबर सर्विलांस पर लिए थे, जिसके बाद से पुलिस ने संदिग्धों से पूछताछ शुरू की तो तमाम इलाकों से कालाबाजारी करने वाले पकड़ में आ गए। डीके ठाकुर ने बताया कि इससे पहले लखनऊ पुलिस ने कैसरबाग, अमीनाबाद, गोमती नगर, मानकनगर और नाका इलाके से रेमडेसिविर इंजेक्शन के नाम पर नकली इंजेक्शन बेचने वालों पर भी शिकंजा कसा था। तब पुलिस ने 18 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।

लखनऊ में पार्षद निधि से खरीदे जाएंगे सेनेटाइजेशन के टैंकर
4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। नगर निगम पार्षदों की वार्ड विकास निधि से सेनेटाइजेशन के लिए टैंकर की खरीद करेगा। यह निर्णय वर्चुवल बैठक में महापौर संयुक्ता भाटिया ने लिया। महापौर ने बताया कि वर्तमान समय पिछले वर्ष की तुलना में 100 छोटी सेनेटाइजेशन मशीन को बढ़ाकर 700 मशीनें के द्वारा शहर भर की गलियों, अन्य स्थलों में, वार्डो में पार्षदों और अधिकारियों के समन्वय से सेनेटाइजेशन किया जा रहा है। साथ ही पिछले वर्ष के सापेक्ष 30 टैंकरो को बढ़ाकर लगभग 100 बड़े ट्रैक्टर टैंकरो से भी शहर को सेनेटाइज किया जा रहा है। कोरोना का संक्रमण बढ़ा है तो प्रत्येक मोहल्ले और गली में सेनेटाइजेशन कराने के लिए वार्ड विकास निधि से पार्षदों से संतुति पत्र लेकर सेनेटाइजेशन के एक- एक बड़ा टैंकर खरीदा जाएगा। संयुक्ता भाटिया ने बताया कि नगर निगम में नए शामिल हुए गांवो में भी सेनेटाइजेशन कराया जाएगा। इसके अलावा डीआरडीओ द्वारा बनाए गए अस्पताल एवं शहर के अन्य अस्पतालों के बाहर तीमारदारों की चिंता नगर निगम करेगा। महापौर ने नगर आयुक्त को ऐसे अस्पतालों के बाहर कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए रैन बसेरे की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा हर हाल में शहर में संक्रमण रोकना है।

मीडिया रिपोर्टिंग की शिकायतें बंद करें संवैधानिक संस्थाएं: सुप्रीम कोर्ट

4पीएम न्यूज नेटवर्क. लखनऊ। कोरोना के बढ़ते केस के बीच चुनाव कराए जाने पर मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को लेकर दी गई हत्या वाली टिप्पणी के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया। सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ वाली पीठ ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को मीडिया रिपोर्टिंग को लेकर शिकायत करना बंद करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 19 सिर्फ नागरिकों की अभिव्यक्ति की आजादी नहीं देता बल्कि, यह मीडिया को भी बोलने का अधिकार देता है। मद्रास हाई कोर्ट कि टिप्पणी के खिलाफ चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। आयोग ने इन टिप्पणियों को अनावश्यक और अपमानजनक बताते हुए कहा था कि उसके खिलाफ हत्या के आरोपों वाली मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी को लेकर मीडिया में लगातार चर्चा हो रही है। सुप्रीमकोर्ट ने निर्वाचन आयोग के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणियों पर कहा कि बिना सोचे-समझे की गई टिप्पणियों की गलत व्याख्या किए जाने की आशंका होती है। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि मीडिया को अदालत की कार्यवाही की रिपोर्टिंग करने का अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने हालांकि, कोविड-19 फैलने के लिए निर्वाचन आयोग को जिम्मेदार ठहराने वाली मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणियों को कठोर बताया।

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