मनमोहन सिंह के खिलाफ सुनियोजित तरीके से फैलाया गया भ्रमजाल : पायलट

  •  पूर्व पीएम को बदनाम करने वाली भाजपा अब चुप

लखनऊ। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट ने कहा पूर्व नियंत्रक महालेखापरीक्षक (सीएजी) विनोद राय के हलफनामे से साफ हो गया है कि उन्होंने 2जी स्पेक्ट्रम और कोयला घोटाले की रिपोर्ट में झूठ बोलकर मनमोहन सिंह सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया था। झूठे और मनगढ़त आरोपों के आधार पर मनमोहन सिंह सरकार को बदनाम करने के लिए उसके खिलाफ सुनियोजित तरीके से भ्रमजाल फैलाया गया था। इस झूठ की बुनियाद पर भाजपा ने हो-हल्ला मचाकर और जनता को गुमराह कर अपनी राजनीतिक इमारत खड़ी की। बदनीयती से फैलाए गए इस झूठ के लिए विनोद राय और भाजपा सरकार को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उप्र कांग्रेस कमेटी कार्यालय में पीसी में सचिन ने कहा कि 1.76 लाख करोड़ रुपये के संभावित घोटाले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे 2017 में ही खारिज कर दिया था। अब कोर्ट में दिये गए हलफनामे में विनोद राय ने कुबूला है कि संयुक्त संसदीय समिति का सदस्य रहते हुए तत्कालीन सांसद संजय निरुपम ने उनसे कभी नहीं कहा कि वह स्पेक्ट्रम घोटाले में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का नाम न शामिल करें। मनमोहन 2.0 सरकार में सचिन दूरसंचार राज्य मंत्री थे। उन्होंने कहा कि लोग महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त हैं। इन्हीं मुद्दों को लेकर मनमोहन सरकार को बदनाम करने वाली भाजपा अब चुप है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से आंदोलनरत किसानों की यह अड़ियल सरकार नहीं सुन रही है। उप्र सरकार और उसकी पुलिस कानून के दायरे से बाहर काम करने के आदी हैं। अहंकार की राजनीति बहुत लंबी नहीं चलती है। धु्रवीकरण और धार्मिक विभाजन की राजनीति की भी एक सीमा होती है। हम सबने इसे पश्चिम बंगाल में देखा है। उप्र में तख्ता पलट होगा। प्रियंका गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस पूरी मजबूती से विधानसभा चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस के प्रति लोगों की धारणा बदली है। आने वाला समय कांग्रेस का है।

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