नंदीग्राम हार को नहीं भूल पा रही हैं दीदी

नई दिल्ली। दीदी के मन नंदीग्राम की हार की टीस अभी भी बरकरार है। भले ही नंदीग्राम की जनता ने उनको चुनाव में अपना फैसला सुना दिया हो लेकिन दीदी इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं है। जनता के दरबार से निराश होने के बाद दीदी ने अदालत का दरवाज खटखटाया है लेकिन अब उनको एक जज की निष्पक्षता पर भी संदेह हो रहा है। इसलिए वो अपना केस किसी दूसरी बेंच में ट्रांसफर करवाना चाह रही है। इसके लिए टीएमसी ने भरपूर कोशिश शुरू कर दी है।
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी जनता दरबार में नंदी ग्राम चुनाव हार गईं। कभी उनके करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी ने उन्हे नंदीग्राम को हराया था । यह अलग बात है कि ममता बनर्जी और उनकी पार्टी टीएमसी का आरोप है कि उन्हें केंद्र सरकार के इशारे पर हराया गया और इस तरह से उन्होंने उस हार के खिलाफ कोलकाता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। लेकिन अब उन्हें बेंच को लेकर आपत्तियां हैं। टीएमसी को जस्टिस कौशिक चंदा के नाम पर आपत्ति है और वह उनकी अध्यक्षता वाली बेंच में उनके मामले की सुनवाई नहीं करना चाहती है।
टीएमसी को शक है कि उन्हें कोलकाता हाई कोर्ट की उस बेंच से न्याय नहीं मिलेगा, जिसमें उनका केस चल रहा है और केस दूसरी बेंच को ट्रांसफर किया जाना चाहिए। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने एक तस्वीर ट्वीट कर कहा था कि आप देख सकते हैं कि जस्टिस कौश चंदा किसके साथ मंच साझा कर रहे हैं क्या आप उनसे न्याय की उम्मीद कर सकते हैं । याचिका में मामले को दूसरी पीठ में स्थानांतरित करने की प्रार्थना की गई है, इसे मौजूदा पीठ के समक्ष उचित न्याय नहीं मिलेगा। सीएम ममता बनर्जी के वकील ने जस्टिस कौशिक चंदा से कहा कि महत्वपूर्ण नंदीग्राम चुनाव याचिका पर सुनवाई से कुछ घंटे पहले ही जस्टिस कौशिक चंदा की अदालत से मामला स्थानांतरित कर दें। इसके लिए नए सिरे से याचिका दायर की गई है।
इस नई याचिका में सीएम बनर्जी ने दलील दी थी कि उन्हें डर है कि उन्हें इस बेंच से उचित न्याय नहीं मिलेगा। याचिका में इस पीठ से केस ट्रांसफर करने का अनुरोध किया गया है, इससे पहले उनके वकील ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के सचिव को भी पत्र लिखा है। , लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। बता दें कि पिछली सुनवाई के दौरान टीएमसी से जुड़े वकीलों ने कोर्ट में जबरदस्त हंगामा खड़ा कर दिया था।

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