जानें कब है भौम प्रदोष व्रत और क्या है इस व्रत की महिमा

हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव के प्रति आस्था रखने वालों के लिए प्रदोष व्रत का बहुत महत्व होता है. ये व्रत महान फल की प्राप्ति कराने वाला साबित हो सकता है. ऐसा कहा जाता है कि प्रदोष व्रत को प्रत्येक मास की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है. सनद रहे कि हर महीने में दो प्रदोष आते हैं एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में. हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह का दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को होगा. शुक्ल पक्ष का ये प्रदोष व्रत दिनांक 6 नवंबर के दिन पड़ेगा जिसे शिवभक्त रखते हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने में यह व्रत बहुत सहायत का होता है. इतना ही नहीं सभी मनोकामनाएं पूरी करने में सक्षम ये व्रत इस बार मंगलवार के दिन पड़ेगा जिसके कारण इसको भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा.
ऐसी मान्यता हैं कि भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ-साथ हनुमान उपासना करने से उनका भी आशीर्वाद मिलता है. ऐसा भी कहा जाता है कि भौम प्रदोष व्रत की महिमा अपार है. यदि कोई भी श्रद्धा के साथ इस व्रत को रखता है तो इससे भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों को उनका आशीष प्राप्त होता है. इस लेख के माध्यम से हम आज इस व्रत को रखने के साथ-साथ कुछ उपाय भी बता रहे हैं जिनको करने से कर्ज से मुक्ति मिल सकती है.
भौम प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष तिथि आरंभ- 16 नवंबर 2021 प्रात: 10 बजकर 31 मिनट से शुरु होकर
कार्तिक मास शुक्ल पक्ष तिथि समाप्त- 17 नवंबर 2021 दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर होगा.
पूजन का शुभ मुहूर्त
पूजन का शुभ मुहुर्त शाम 6 बजकर 55 मिनट से लेकर 8 बजकर 57 मिनट तक
आपको बताते चलें कि हमेशा ही प्रदोष व्रत का पूजन प्रदोष काल यानी सूर्यास्त के समय ही किया जाता है. यदि आप इस समय से पहले पूजन करने हैं तो पूरा फल नहीं मिलता है.
यदि आपके ऊपर किसी प्रकार का कर्ज है और आप इससे छुटकारा भी पाना चाहते हैं तो इस दिन यानी कि भौम प्रदोष व्रत के दिन कर्ज मुक्ति के लिए हनुमान चालीसा का पाठ अनिवार्य रूप से करना चाहिए. यदि आप ऐसा करते हैं तो आपके जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं. इसके साथ ही आप इस प्रदोष में मंगलदेव के 21 या 108 नामों का पाठ करके भी कर्ज से जल्दी मुक्ति पा सकते है. इस दिन भोलेनाथ के साथ ही हुनमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. इससे कुंडली में उपस्थित मंगल दोष शांत होता है.

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